उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया। आजादी के बाद ये बिल पारित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला प्रदेश बन गया। CM धामी ने छह फरवरी को विधानसभा में ये बिल पेश किया था। विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून बन जाएगा और सभी को समान अधिकार देगा। कानून लागू होने के बाद उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।
विपक्षी बेंच के कांग्रेस सदस्यों ने विधेयक को सदन की एक चयन समिति को सौंपने का प्रस्ताव रखा। विपक्षी विधायकों ने कहा कि वे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक के विरोध में नहीं हैं, मगर इसके प्रावधानों की जांच की जरूरत है। ताकि इसे मंजूरी मिलने से पहले इसमें मौजूद त्रुटियों को दूर किया जा सके। मगर इसकी जगह इसे मंजूरी दे दी गई।
जानें बिल की खास बातें
- सभी धर्मों और जातियों में शादी के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
- बहुविवाह पर रोक।
- विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- बिना कोर्ट के सभी तरह के तलाक पर रोक लगेगी।
- पुनर्विवाह के लिए कोई भी शर्त वर्जित होगी।
- लिव-इन में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।
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