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Up Kiran, Digital Desk: सर्दी आते ही हम अक्सर रजाई और कंबल में अपने आप को ढक लेते हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि शरीर तो गर्म रहता है, पर फिर भी पैरों में ठंडक महसूस होती है। यह समस्या आम है, लेकिन कभी-कभी यह शरीर में छिपी हुई किसी समस्या का संकेत हो सकती है। अगर आप भी अक्सर ठंडे पैरों का सामना करते हैं, तो इसे केवल मौसम का असर न समझें, बल्कि इसके पीछे छिपे कारणों को जानने की कोशिश करें।

1. रक्त संचार में कमी

पैरों में ठंडक महसूस करने की सबसे सामान्य वजह रक्त का ठीक से संचार न होना है। जब रक्त शरीर के निचले हिस्सों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाता, तो पैरों का तापमान गिरने लगता है। खासकर, लंबे समय तक बैठे रहने या शारीरिक गतिविधि कम करने से यह समस्या बढ़ सकती है। इस स्थिति से राहत पाने के लिए रोजाना हल्का व्यायाम, थोड़ी देर तक चलना और पैरों की मालिश करना फायदेमंद हो सकता है।

2. आयरन की कमी

हमेशा ठंडे पैरों का एक और कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकता है। जब आयरन की कमी होती है, तो रक्त में ऑक्सीजन का संचार ठीक से नहीं हो पाता, जिससे हाथ-पैर ठंडे और सुन्न महसूस होने लगते हैं। इस समस्या से बचने के लिए अपने आहार में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पालक, गुड़, चुकंदर, अनार और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। अगर स्थिति गंभीर हो, तो डॉक्टर से आयरन सप्लीमेंट लेने पर विचार करें।

3. थायरॉइड का असंतुलन

थायरॉइड हार्मोन शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। जब यह हार्मोन असंतुलित हो जाता है, खासकर अगर हाइपोथायरॉइडिज्म की समस्या हो, तो शरीर की गर्मी कम हो जाती है और ठंड महसूस होती है। यह समस्या हाथों और पैरों में अधिक प्रकट होती है। अगर आपको ठंड के साथ-साथ वजन बढ़ना, बाल झड़ना या थकान महसूस हो रही हो, तो थायरॉइड की जांच करवाना आवश्यक है।

4. विटामिन B12 की कमी

विटामिन B12 की कमी से नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे पैरों में झनझनाहट और ठंडक की समस्या हो सकती है। यह विटामिन नसों और रक्त के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आपके आहार में इस विटामिन की कमी है, तो दूध, अंडे, मछली और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करें। शाकाहारी लोग डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन B12 सप्लीमेंट ले सकते हैं।

5. डायबिटीज और तंत्रिका क्षति

डायबिटीज के मरीजों में नसों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पैरों में ठंडक, झनझनाहट या सुन्नपन महसूस हो सकता है। इस स्थिति को डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। शुगर लेवल को नियंत्रित रखना, नियमित रूप से व्यायाम करना और चीनी का सेवन सीमित रखना इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

6. मौसम का असर

कभी-कभी सर्दी के मौसम का असर भी पैरों की ठंडक का कारण हो सकता है। जब तापमान गिरता है, तो शरीर सबसे जरूरी अंगों को गर्म रखने पर ध्यान देता है, जैसे कि दिल और मस्तिष्क, और पैरों तक रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। ऐसे में, ऊनी मोजे पहनना, शरीर को गर्म रखना और गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है।