विश्व में कोविड का खतरा बढ़ता देख यूपी के सीएम योगी ने गुरुवार को अफसरों संग महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कहा कि बीते 24 घंटे के दौरान एक भी कोरोना का नया केस नहीं आया है। बावजूद इसके हमे पूरी सतर्कता बरतनी होगी।
तो वहीं दूसरी ओर देश में भी कोविड वैक्सीन की एहतियाती खुराक देने का नया अभियान छेड़ा जा रहा है। दरअसल, देश में बूस्टर डोज के आंकडे़ बेहद मायूस करने वाले हैं।
सरकार ने बताया कि जिन लोगों को बूस्टर डोज दी जा सकती है, उनमें सिर्फ 25 से 29 प्रतिशत ने ही तीसरी डोज़ ली है। हालांकि, यह डेटा भी कितना सही है, इस पर सवाल खड़े होने लग गए है। दरअसल, कई वैसे लोगों को भी बूस्टर डोज के सर्टिफिकेट जारी कर दिए जा रहे हैं जिन्होंने अब तक कोरोना वैक्सीन की बुस्टर डोज ली ही नहीं है। ऐसे लोगों की संख्या अच्छी-खासी जान पड़ती है जिनके नाम पर बूस्टर डोज के फेक सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं।
अनुभव शाक्य और मयंक ऐसे ही दो नौजवान हैं जिनके नाम से फेक सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं। यूपी के अलीगढ़ निवासी अनुभव बताते हैं कि उन्होंने पहली और दूसरी वैक्सीन डोज तो ली है, मगर बुस्टर नहीं ले सके। शख्स को डर है कि अब उन्हें कोरोना टीके की तीसरी डोज लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
युवक ने जिस टीकाकरण कैंप से कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगवाई थी, उसी सेंटर के जरिए उन्हें फर्जी में तीसरी खुराक भी दे दिए जाने का सर्टिफिकेट कोविन प्लैटफॉर्म पर जारी हो गया। हालांकि, अनुभव बताते हैं कि वो बुस्टर डोज लेने के लिए कभी कैंप पर गए ही नहीं।
--Advertisement--