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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने घाटी में कम हो रही पर्यटकों की संख्या पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में लोग नहीं आएंगे तो पर्यटन उद्योग को बड़ा नुकसान हो सकता है।

फारूक अब्दुल्ला हाल ही में पहलगाम पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा, "हमें माता वैष्णो देवी के दरबार जाना पड़ेगा और वहां लोगों को बुलाना पड़ेगा ताकि वो फिर से कश्मीर आएं।"

उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद से हम सभी परेशान हो चुके हैं। अगर पर्यटक डर की वजह से घाटी में आना बंद कर देंगे, तो यह आतंकवादियों की जीत होगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घाटी में डर की वजह से न भागें, बल्कि यहां की खूबसूरती और शांति का अनुभव करें।

फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी संदेश देते हुए कहा कि वे कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए जो भी कदम उठाएंगे, हम उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने पाकिस्तान से भी अपील की कि वह आतंकवाद का समर्थन बंद करे क्योंकि इससे दोनों देशों को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और प्रयास किए जाएं ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति सुधर सके।

अंत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हम सब मिलकर प्रयास करें, तो जम्मू-कश्मीर को फिर से पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बनाया जा सकता है। इसके लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
 

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