Up kiran,Digital Desk : फरीदाबाद की जिला अदालत ने शुक्रवार को एक ऐसे मामले में फैसला सुनाया है, जिसने इंसानियत और पिता-पुत्र के रिश्ते को शर्मसार कर दिया है। अपने ही दो मासूम बच्चों को कुएं के पानी में पैरों से दबाकर बेरहमी से मार डालने वाले हैवान पिता भगत सिंह और उसकी दूसरी पत्नी (सौतेली मां) आशा को अदालत ने आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। एडिशनल सेशन जज सुरेंद्र कुमार की अदालत ने दोनों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
क्या थी वो खौफनाक वारदात?
यह दिल दहला देने वाली घटना 18 मई, 2023 की है। गांव सीकरी के पास एक बगीचे के पीछे बने कुएं के चारों तरफ कुछ लोगों की भीड़ जमा थी। तभी वहां से गुजर रहे धीरेंद्र नाम के एक शख्स की नजर पड़ी। जब वह पास गए, तो कुएं के अंदर का मंजर देख उनके होश उड़ गए।
कुएं में एक आदमी अपने ही दो बच्चों का गला पैरों से पानी में दबा रहा था। धीरेंद्र ने बिना एक पल गंवाए रस्सी की मदद से कुएं में छलांग लगा दी। उन्होंने किसी तरह उस हैवान पिता को बच्चों के ऊपर से हटाया और दोनों मासूमों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 10 साल के बेटे निक्की और 4 साल की बेटी बिंदु की सांसें थम चुकी थीं।
क्यों बना पिता अपने ही बच्चों का कातिल?
पुलिस की पूछताछ में आरोपी पिता भगत सिंह ने जो सच उगला, वह और भी खौफनाक था। उसने बताया कि निक्की और बिंदु उसकी पहली पत्नी के बच्चे थे। उसकी दूसरी पत्नी आशा इन बच्चों को बिल्कुल पसंद नहीं करती थी और उन्हें लेकर आए दिन घर में झगड़ा और मारपीट करती थी।
बच्चों के रोज-रोज के झगड़े से तंग आकर पति-पत्नी ने मिलकर इन दोनों मासूमों को रास्ते से हटाने की साजिश रची। भगत सिंह बच्चों को लेकर कुएं पर पहुंचा और उनके साथ अंदर कूद गया। उसे लगा था कि कुएं में पानी कम है, इसलिए वह तो बच जाएगा, लेकिन बच्चे डूबकर मर जाएंगे। लेकिन जब बच्चे नहीं डूबे, तो उसने पानी में ही पैरों से उनकी गर्दन तब तक दबाए रखी, जब तक उनकी मौत नहीं हो गई।
बिना चश्मदीद गवाह के भी मिली सजा
इस केस की सुनवाई दो साल तक चली। एडवोकेट रविंद्र गुप्ता ने बताया कि इस मामले में कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं था, यानी किसी ने भी भगत सिंह को बच्चों के साथ कुएं में कूदते हुए नहीं देखा था। लेकिन इसके बावजूद, पुलिस द्वारा पेश किए गए ठोस सबूतों के आधार पर अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया।
जब बच्चों को कुएं से बाहर निकाला जा रहा था, तब वहां मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिए थे। यही वीडियो अदालत में सबसे बड़ा सबूत बने, जिसने इस हैवान पिता और सौतेली मां को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया।
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