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Up Kiran,Digital Desk: ये वाकई एक गंभीर और पेचीदा मामला है जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा है। एक 23 वर्षीय शिक्षिका का अपने 13 वर्षीय छात्र के साथ भाग जाना और फिर गर्भवती अवस्था में लौटना, कई कानूनी और नैतिक प्रश्न खड़े करता है।

महिला टीचर द्वारा गर्भपात की अनुमति के लिए कोर्ट में अर्जी देना एक स्वाभाविक कदम है, खासकर जब उनके वकील गर्भावस्था को उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बता रहे हैं और नाबालिग पिता के कारण बच्चे के भविष्य पर भी सवाल उठा रहे हैं। वकील वाजिद शेख का यह तर्क कि कम उम्र के लड़के से गर्भावस्था को असामान्य माना जा सकता है, निश्चित रूप से कोर्ट के विचार करने योग्य बिंदु होगा।

इस प्रकरण में POCSO एक्ट के तहत शिक्षिका की गिरफ्तारी दर्शाती है कि कानून इसे एक गंभीर यौन अपराध के रूप में देख रहा है, जिसमें एक वयस्क व्यक्ति नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाता है। पुलिस की जांच से पता चला है कि शिक्षिका और छात्र कई शहरों में साथ रहे और शारीरिक संबंध बनाए। यह जानकारी अभियोजन पक्ष को शिक्षिका के खिलाफ मजबूत मामला बनाने में मदद कर सकती है।

अब अदालत में होने वाली सुनवाई इस मामले में महत्वपूर्ण मोड़ लाएगी। कोर्ट को शिक्षिका के गर्भपात के अनुरोध पर फैसला लेना होगा, साथ ही POCSO एक्ट के तहत लगे आरोपों पर भी विचार करना होगा। बच्चे के डीएनए सैंपल से पिता की पहचान स्पष्ट होने के बाद मामले की दिशा और भी स्पष्ट हो जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट मानवीय और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए क्या निर्णय लेता है।

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