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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा पर की गई टिप्पणियों के लिए उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से फटकार लगाई है। मंत्रालय ने भगवंत मान के इस बयान को 'गैर-जिम्मेदाराना' करार दिया है, जिससे केंद्र और राज्यों के बीच विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।

विदेश मंत्रालय ने सीधे तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम नहीं लिया, लेकिन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर किसी भी राज्य के नेता द्वारा की गई 'अनुत्तरदायी' या 'आधारहीन' टिप्पणी देश के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है। मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की विश्वसनीयता और प्रभाव को बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों के बीच सामंजस्य और एक सुसंगत आवाज का होना महत्वपूर्ण है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत करना, द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना और विभिन्न वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ करना है। माना जा रहा है कि भगवंत मान ने अपनी टिप्पणियों में प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के समय या उसके उद्देश्यों पर सवाल उठाए थे, जो संघीय ढांचे में विदेश नीति से जुड़े मामलों पर राज्य के प्रमुख के लिए असामान्य माना जाता है।

विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया इस बात को रेखांकित करती है कि विदेश नीति के मामलों में देश एक इकाई के रूप में बोलता है, और इसमें किसी भी प्रकार का मतभेद या अनुचित टिप्पणी राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध हो सकती है। इस अप्रत्यक्ष फटकार ने एक बार फिर देश में केंद्र और राज्यों के बीच विदेश नीति से जुड़े विषयों पर समन्वय और प्रोटोकॉल की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया है।

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