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बिहार के मोतिहारी में डाक विभाग की भर्ती में जालसाजी की आशंका जताई जा रही है। जहां चंपारण प्रमंडल के ग्रामीण डाक सेवक के 100 पदों पर वैकेंसी निकाली गयी थी। इसमें 98 अभ्यार्थियों को चुना गया था। चयनित अभ्यार्थियों की जांच की गई, जिसके बाद सारे अफसरों के होश उड़ गए।

डाक विभाग की भर्ती कम से कम 99 प्रतिशत है, जबकि कई लोगों के गणित में 100 100 और अंग्रेजी में 99% मार्क्स से चयनित अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि सबके प्रमाण पत्र एक जाति और एक नंबर वाले हैं। इसके बाद अधिकारियों को इसमें बहुत बड़ी जालसाजी नजर आ रही है। ग्रामीण डाक सेवक के अधिकतर प्रमाण पत्र जम्मू कश्मीर और वेस्ट बंगाल में जारी किए गए हैं। 

ज्यादातर प्रमाण पत्र वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रविन्द्र ओपन स्कूलिंग और जम्मू कश्मीर ओपन स्कूल में जारी है। भारतीय डाक विभाग ने जुलाई महीने में जिले के ग्रामीण डाक सेवकों के लिए 100 पद के लिए आवेदन मांगा था। तब हजारों की संख्या में अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। इसके बाद 98 अभ्यार्थियों का ग्रामीण डाक सेवा के लिए चयन हुआ। अब चयनित अभ्यार्थियों की जांच के बाद ये बात सामने आ रही है कि सभी के प्रमाण पत्र जम्मू कश्मीर और वेस्ट बंगाल से जारी किए गए हैं। ज्यादातर भारतीयों को 100% से भी ज्यादा मार्क्स मिले हैं।

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