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Up Kiran, Digital Desk: ऑफिस में काम के बीच अचानक उठने वाला माइग्रेन का दर्द न सिर्फ आपके काम पर असर डालता है, बल्कि आपकी पूरी सेहत को भी बिगाड़ सकता है। ऑफिस की तेज लाइटें, स्क्रीन पर घंटों काम, खाने-पीने का कोई तय समय न होना, और डिहाइड्रेशन जैसी वजहें माइग्रेन को और बढ़ा देती हैं। तनाव से पूरी तरह बचना तो मुश्किल है, लेकिन अपने खान-पान और वर्कस्पेस में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप इस तकलीफ से काफी हद तक बच सकते हैं।

खान-पान में करें ये जरूरी बदलाव

कैफीन और पैक्ड फूड्स से दूरी बनाएं: हालांकि थोड़ी मात्रा में कैफीन कुछ लोगों को आराम दे सकता है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। इसी तरह, MSG, नाइट्रेट्स, और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स वाले प्रोसेस्ड फूड्स से बचना ही बेहतर है।
 

मैग्नीशियम से भरपूर चीजें खाएं: मैग्नीशियम की कमी से माइग्रेन के अटैक बढ़ सकते हैं। अपने साथ ऑफिस में नट्स, बीज, पालक, और एवोकाडो जैसी चीजें रखें। ये माइग्रेन के खतरे को स्वाभाविक रूप से कम करते हैं।
 

पानी पीते रहें: डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी, माइग्रेन का एक सबसे आम कारण है। अपने डेस्क पर पानी की बोतल हमेशा रखें और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। आप चाहें तो हर्बल टी या नारियल पानी भी ले सकते हैं।
वर्कस्पेस और लाइट में करें ये सुधार

एंटी-ग्लेयर स्क्रीन का प्रयोग करें: आजकल स्क्रीन पर काम करना मजबूरी है, लेकिन आप अपनी आंखों को आराम दे सकते हैं। मॉनिटर की ब्राइटनेस को कमरे की रोशनी के हिसाब से एडजस्ट करें। एक अच्छी क्वालिटी का एंटी-ग्लेयर 

स्क्रीन से छोटे ब्रेक लेते रहें: लगातार स्क्रीन देखने से आंखों पर जोर पड़ता है और माइग्रेन के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसके लिए "20-20-20" नियम अपनाएं: हर 20 मिनट में, 20 फीट दूर किसी चीज को 20 सेकंड के लिए देखें। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है।