_786172932.png)
Up Kiran, Digital News: भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर हालात उस कगार तक पहुंच गए थे जहां से लौटना लगभग असंभव लगता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सियासी गलियारों से लेकर आम लोगों तक में चर्चा इस बात की होने लगी थी कि क्या इस बार जंग निश्चित है? सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ सीमाओं पर सन्नाटा और राजधानी दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठकें… मगर इस युद्ध जैसी तस्वीर के बीच अचानक सीजफायर की घोषणा ने सभी को चौंका दिया।
एयरस्ट्राइक और ‘ब्रह्मोस’ का गूंजता नाम
इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में एक नाम खासतौर पर चर्चा में रहा—ब्रह्मोस मिसाइल। रक्षा सूत्रों के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में राफेल विमानों से दागी गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया।
इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया से लेकर रक्षा विश्लेषकों तक में इस सवाल ने जोर पकड़ लिया—"आख़िर इन मिसाइलों के नाम कैसे रखे जाते हैं?"
ब्रह्मोस से लेकर प्रलय तक, नाम ही इनकी पहचान
भारतीय मिसाइल सिस्टम की ताकत अब दुनिया में किसी से छिपी नहीं है। ब्रह्मोस अग्नि आकाश पृथ्वी प्रलय और सुदर्शन चक्र जैसे नाम न सिर्फ इन हथियारों की पहचान हैं बल्कि इनमें हमारी सांस्कृतिक विरासत भी झलकती है।
ब्रह्मोस – यह नाम दो नदियों से मिलकर बना है: भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा। यह भारत-रूस की संयुक्त परियोजना की मिसाल है और इसका तगड़ा प्रतीकात्मक अर्थ भी है—शक्ति और बहाव।
अग्नि – यह मिसाइल ऊर्जाशक्ति का प्रतीक है जो लंबी दूरी तक मार करती है। अग्नि का अर्थ ही है आग यानी ऊर्जा का विस्फोटक स्वरूप।
पृथ्वी – सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है इसलिए इसे "पृथ्वी" कहा गया। यह जमीन की ताकत का संकेत देती है।
आकाश – हवा में उड़ते दुश्मन को निशाना बनाती है। इसलिए इसे ‘आकाश’ यानी आसमान से जोड़ कर नाम दिया गया।
प्रलय – इसका काम है दुश्मन के क्षेत्र में भारी तबाही मचाना। इसका नाम इसकी विध्वंसक ताकत से जुड़ा है।
सुदर्शन चक्र – भारत के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को यह नाम दिया गया है। यह भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली अस्त्र का प्रतीक है जो दुश्मन को लक्ष्य करके लौट आता है।
कैसे होता है नामकरण
भारतीय मिसाइलों के नाम केवल तकनीकी पहचान नहीं हैं- ये सांस्कृतिक हथियार भी हैं। इन नामों से एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनता है। जब कोई "प्रलय" या "सुदर्शन चक्र" नाम सुनता है तो यह केवल धातु की मिसाइल नहीं बल्कि हिंदू मिथकों की एक शक्तिशाली कल्पना भी साथ लेकर आता है।
दूसरे देशों में हथियारों को तकनीकी कोड जैसे M16 F-35 या DF-21 नामों से जाना जाता है जबकि भारत में ये नाम आस्था और आक्रमकता का अनूठा मिश्रण होते हैं।
--Advertisement--