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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली की राजनीति में बीते कुछ समय से एक नया ट्रेंड देखने को मिला है आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की सक्रियता अब सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं रही। पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने हाल ही में एक टेलीविजन साक्षात्कार में इस बदलाव पर खुलकर बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि केजरीवाल की प्राथमिकता अब पंजाब, गोवा और गुजरात जैसे राज्यों में पार्टी संगठन को मजबूत करना है।

चुनावी हार के बाद बदली प्राथमिकताएं

दिल्ली में फरवरी में हुए चुनावों में पार्टी को झटका लगने के बाद केजरीवाल ने लगभग बिना रुके अगले ही दिन से दूसरे राज्यों में राजनीतिक गतिविधियां तेज़ कर दीं। भारद्वाज का कहना है कि वे अब लगातार यात्रा पर रहते हैं और अलग-अलग राज्यों से आए कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ संगठनात्मक रणनीतियों पर चर्चा करते हैं।

उनके अनुसार, "वो व्यक्ति जो कभी भी खाली बैठना पसंद नहीं करता, अब दिल्ली में कम और गोवा, पंजाब व गुजरात में ज्यादा दिखाई देता है।" भारद्वाज ने बताया कि जब भी वह केजरीवाल से मिलने जाते हैं, उन्हें किसी राज्य विशेष की टीम के साथ व्यस्त पाते हैं।

पंजाब में बढ़ी सक्रियता, विपक्ष की चिंता

केजरीवाल की पंजाब में बढ़ती भूमिका को लेकर विपक्षी पार्टियों ने आलोचना तेज कर दी है। कांग्रेस समेत कई दल उन पर पंजाब सरकार के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हैं। यहां तक कि कुछ नेताओं ने उन्हें व्यंग्यात्मक रूप से 'सुपर सीएम' कहकर संबोधित किया है।

हालांकि, सौरभ भारद्वाज ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केजरीवाल सिर्फ निगरानी कर रहे हैं और राज्य संगठन को मज़बूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। "पार्टी को बढ़ाने के लिए तीन मुख्य लक्ष्य तय किए गए हैं गोवा, गुजरात और पंजाब। इन तीनों राज्यों में संगठनात्मक विस्तार पर उनका ध्यान है।"

दिल्ली पर अब भी नजर: भारद्वाज

जब उनसे पूछा गया कि एक समय खुद को 'दिल्ली का बेटा' बताने वाले केजरीवाल अब क्यों कम दिखते हैं, तो भारद्वाज ने कहा, "दिल्ली से उनका भावनात्मक रिश्ता बरकरार है। वो हर जरूरी मुद्दे पर दिल्ली की चिंता करते हैं, चाहे वह झुग्गी झोपड़ियों का मामला हो या शिक्षा का सवाल।"

उन्होंने आगे कहा कि "सार्वजनिक तौर पर भले ही वे कम नजर आ रहे हों, लेकिन हर एक मुद्दे पर उनकी निगरानी बनी हुई है। जब समय सही होगा, वे फिर दिल्ली में भी उसी ऊर्जा के साथ दिखाई देंगे।"

राष्ट्रीय राजनीति की ओर इशारा

बातचीत के अंत में भारद्वाज ने संकेत दिए कि केजरीवाल की नजर अब कहीं ज्यादा व्यापक है। वह अब उन मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं जो दिल्ली से बाहर के राज्यों को भी प्रभावित करते हैं। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि क्या यह कदम 2029 की राष्ट्रीय राजनीति की तैयारी है, लेकिन यह ज़रूर कहा कि "जहां उनका फोकस है, वह मैंने आपको बता दिया।"

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