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Hinduism: हिंदू धर्म में विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार है और इसे अलग अलग प्रकारों में बांटा गया है। यहां हिंदू धर्म में प्रचलित 8 प्रकार की शादियों के बारे में बताया गया है। तो आईये जानते हैं।

ब्रह्म विवाह: ये सबसे आदर्श और पारंपरिक विवाह माना जाता है, जिसमें वर और वधू दोनों के परिवारों की सहमति से शादी की जाती है। इसमें दहेज का कोई लेन-देन नहीं होता है।

दैव विवाह: इस प्रकार के विवाह में वधू को देवी-देवताओं को समर्पित किया जाता है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।

आर्य विवाह: इस विवाह में लड़का और लड़की दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं और अपने परिवारों की सहमति से विवाह करते हैं। यह प्रेम विवाह के समान है।

गंधर्व विवाह: इस प्रकार की शादी प्रेम में बंधे युवाओं द्वारा की जाती है। इसमें परिवारों की सहमति की आवश्यकता नहीं होती है। इसे प्रेम विवाह की एक विशेष श्रेणी माना जा सकता है।

असुर विवाह: इस विवाह में वर अपने वधू को बलात्कृत करता है या उसे जबरन शादी के लिए मजबूर करता है। इसे नैतिक दृष्टि से गलत माना जाता है।

पिशाच विवाह: यह विवाह तब होता है जब एक व्यक्ति किसी महिला का अपहरण कर उसे शादी के लिए मजबूर करता है। यह भी नैतिक रूप से गलत माना जाता है।

कन्या प्रदान विवाह: इस प्रकार की शादी में वधू के पिता अपनी बेटी को वर के हाथों में सौंपते हैं। यह एक पारंपरिक विवाह की प्रक्रिया होती है।

संबंध विवाह: इस विवाह में परिवार के सदस्य या रिश्तेदार शादी के लिए वर और वधू को चुनते हैं। ये आमतौर पर अरेंज्ड मैरेज के रूप में होता है।

आपको बता दें कि इन विभिन्न प्रकार की शादियों का महत्व हिंदू धर्म में विवाह के अलग अलग पहलुओं को दर्शाता है और यह सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा होता है।

नोट- उपरोक्त बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है। हमारी टीम इसका समर्थन नहीं करती है। 

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