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Up Kiran, Digital Desk: मौसम में नमी बढ़ने के साथ ही कानों में फंगल इंफेक्शन के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। खासतौर पर उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है जिनके कान में पसीना या पानी बिना ध्यान दिए चला जाता है। इस स्थिति में कानों में फंगस पनपने का खतरा अधिक हो जाता है, जिससे गंभीर तकलीफ हो सकती है।
राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय के नाक- कान- गला विभाग के डॉक्टर इमरान ने बताया कि पिछले शुक्रवार को ओपीडी में कुल 104 मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें से 16 को फंगल संक्रमण की पुष्टि हुई। उनके अनुसार, ज्यादातर मामलों में ऐसे मरीज हैं जिनके कान में पसीना बहकर या कहीं से पानी चला जाता है, जिससे संक्रमण की शुरुआत होती है।
डॉक्टर ने यह भी बताया कि कई लोग कान में तेल या एंटीबायोटिक इयर ड्रॉप का इस्तेमाल कर अपनी समस्या बढ़ा लेते हैं। ऐसा करने से फंगस को और अधिक बढ़ावा मिलता है, क्योंकि ये पदार्थ फंगल संक्रमण के लिए पोषण का काम करते हैं। इसलिए, इलाज के दौरान डॉक्टर मरीजों को नमी से बचाव के साथ-साथ सही दवा और देखभाल के निर्देश भी देते हैं।
फंगल संक्रमण के प्रमुख लक्षण:
कान में लगातार खुजली होना
तेज दर्द या जलन महसूस होना
कान के आस-पास सूजन और लालिमा
कान से काला, सफेद या भूरा तरल निकलना
कान में भारीपन या दबाव का अहसास
फंगल संक्रमण से बचाव के सुझाव:
कान में कभी भी तेल या अनजान दवाएं न डालें
नमी से बचाव करें, खासकर बारिश और नहाने के बाद
बिना डॉक्टर की सलाह के इयर ड्रॉप का उपयोग न करें
कान की सफाई केवल डॉक्टर की देखरेख में कराएं
डॉ. इमरान ने बताया कि इस मौसम में फंगस के फैलने के लिए माहौल बेहद अनुकूल होता है, इसलिए कानों को नमी और गंदगी से बचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि “बारिश का मौसम खत्म होने तक कानों की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि संक्रमण से बचा जा सके।”
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