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 Up Kiran, Digital Desk: हिंदू धर्म में माँ गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि जीवन देने वाली, पापों को धोने वाली और मोक्ष दिलाने वाली देवी माँ हैं। उनके पृथ्वी पर अवतरण के पवित्र दिन को गंगा सप्तमी या गंगा जयंती के रूप में पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। यह पावन पर्व हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को आता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यही वो शुभ दिन था जब राजा भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर माँ गंगा स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर जीवों का उद्धार करने के लिए उतरी थीं। उनका वेग इतना प्रचंड था कि स्वयं भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया और फिर धीरे-धीरे उन्हें धरती पर प्रवाहित होने दिया।

साल 2025 में, गंगा सप्तमी का पर्व 3 मई, शनिवार को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन का धार्मिक महत्व क्या है और माँ गंगा का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन कौन से कार्य करने चाहिए।

गंगा सप्तमी का धार्मिक महत्व:

माँ गंगा का अवतरण दिवस: यह दिन माँ गंगा के पृथ्वी पर आने का प्रतीक है। भगीरथ के अथक प्रयासों के कारण ही वे हम मनुष्यों के कल्याण और पापों के नाश के लिए धरती पर आईं।

पापों से मुक्ति और मोक्ष: शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा नदी में स्नान करने मात्र से व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कलियुग का श्रेष्ठ तीर्थ: गंगा सप्तमी के दिन को कलियुग में तीर्थों में श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन गंगा माँ की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है।

गंगा सप्तमी पर करें ये शुभ कार्य, मिलेगा लाभ:

इस पवित्र दिन पर माँ गंगा का आशीर्वाद पाने और पुण्य कमाने के लिए कुछ विशेष कार्य बताए गए हैं:

गंगा स्नान: गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में डुबकी लगाना बेहद पुण्यदायी माना जाता है। अगर गंगा तट पर जाना संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें और माँ गंगा का ध्यान करें।

गंगा जी में अर्पण: यदि आप गंगा नदी के पास रहते हैं, तो इस दिन गंगा जल में थोड़ा दूध अर्पित करें और घी या कपूर का दीपक जलाकर प्रवाहित करें। माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।

शिवलिंग अभिषेक: एक लोटे में गंगाजल लें, उसमें कुछ बेलपत्र डालें और फिर इस जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मानसिक शांति व सौभाग्य का वरदान मिलता है।

दान-पुण्य: इस दिन अपनी क्षमता अनुसार जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तांबे का बर्तन, पानी का पात्र (जलपात्र), चावल, घी या धन का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपके दुख दूर होते हैं और माँ गंगा के साथ-साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अन्य देवी-देवताओं की पूजा: गंगा सप्तमी पर सूर्य देव, भगवान शिव और भगवान श्रीहरि विष्णु की भी विधि-विधान से पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

आध्यात्मिक उन्नति का दिन:

गंगा सप्तमी सिर्फ एक त्यौहार की तिथि नहीं है, बल्कि यह अपनी आत्मा को शुद्ध करने, भक्ति भाव बढ़ाने और पुण्य कमाने का एक सुनहरा अवसर है। इस दिन पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से की गई पूजा, स्नान और दान आपके जीवन को आध्यात्मिक रूप से बेहतर बना सकते हैं और माँ गंगा की कृपा से आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।

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