
Up Kiran, Digital Desk: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां हम अक्सर प्रकृति से दूर हो जाते हैं, गार्डनिंग या बागवानी एक ऐसा सुकून भरा काम है जो हमें न केवल आराम देता है, बल्कि हमारे शरीर, मन और हमारे ग्रह यानी धरती तीनों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। यह सिर्फ एक शौक नहीं, बल्कि एक संपूर्ण वेलनेस गतिविधि है।
गार्डनिंग करने से शारीरिक स्वास्थ्य को सीधा लाभ मिलता है। खुदाई करना, रोपण करना, निराई-गुड़ाई करना और पानी देना जैसी गतिविधियां एक प्रकार का हल्का-फुल्का व्यायाम हैं। यह मांसपेशियों को मजबूत करती हैं और लचीलापन बढ़ाती हैं। बाहर धूप में काम करने से शरीर को आवश्यक विटामिन डी भी मिलता है, जो हड्डियों के लिए बेहद ज़रूरी है। ताज़ी हवा में समय बिताना फेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी गार्डनिंग किसी थेरेपी से कम नहीं है। पौधों के साथ समय बिताने से तनाव और चिंता कम होती है। यह एक माइंडफुलनेस गतिविधि है, जहां आपका ध्यान वर्तमान पर केंद्रित होता है। बीज बोने से लेकर पौधा बनने और फिर उसमें फूल या फल लगने तक की प्रक्रिया देखना संतोष और खुशी देता है। प्रकृति से जुड़ना मन को शांत करता है और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
पर्यावरण के लिए भी गार्डनिंग के अपने फायदे हैं। अपने बगीचे में स्थानीय पौधे लगाकर आप जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। अगर आप फल-सब्जियां उगाते हैं, तो आप स्थानीय स्तर पर भोजन प्राप्त कर रहे हैं, जिससे भोजन की ढुलाई में लगने वाली ऊर्जा और कार्बन फुटप्रिंट कम होता है। खाद बनाकर आप किचन वेस्ट को उपयोगी बना सकते हैं, जिससे कचरा कम होता है। छोटे स्तर पर ही सही, आप धरती को हरा-भरा बनाने में योगदान देते हैं।
गार्डनिंग एक ऐसी बहुआयामी गतिविधि है जो आपके शरीर को सक्रिय रखती है, मन को शांति देती है और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह खुद को और अपने आस-पास की दुनिया को पोषित करने का एक शानदार तरीका है।
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