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प्रयागराज के बहरिया थाना क्षेत्र में रविवार को हुए एक संवेदनशील घटनाक्रम ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। गाज़ी मियां की दरगाह पर भगवा झंडा फहराने और धार्मिक नारेबाज़ी करने के मामले में पुलिस विभाग ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की है। डीसीपी गंगानगर जोन कुलदीप सिंह गुनावत ने इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है, जिनमें सिकंदरा चौकी प्रभारी रवि कटियार और दो कांस्टेबल – सुनील कुमार और अंशु कुमार – शामिल हैं।

लापरवाही की जांच में सामने आया दोष

घटना के बाद डीसीपी ने पूरे मामले की जांच एडीसीपी पुष्कर वर्मा को सौंपी थी। जांच में सामने आया कि मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरती, जिसके चलते यह घटना हुई। पुष्कर वर्मा की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि पुलिस की समय पर कार्रवाई नहीं होने के कारण दरगाह पर झंडा फहराने और नारेबाज़ी जैसी स्थिति बनी। इसी के आधार पर डीसीपी गुनावत ने कार्रवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।

मुख्य आरोपी मनेंद्र प्रताप सिंह गिरफ्तार

घटना में मुख्य आरोपी के रूप में पहचाने गए मनेंद्र प्रताप सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मनेंद्र सिंह पर गाज़ी मियां की दरगाह पर भगवा झंडा फहराने और धार्मिक उकसावे की नारेबाज़ी करने का आरोप है। पुलिस ने उसके खिलाफ बहरिया थाने में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

जानकारी के अनुसार, मनेंद्र सिंह करणी सेना का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुका है और हालिया घटना के बाद उसने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपनी गिरफ्तारी देने की बात स्वीकार की। पुलिस का कहना है कि अब वह हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है।

कई अन्य आरोपियों के खिलाफ भी एफआईआर

बहरिया थाने में चौकी प्रभारी रवि कुमार कटियार ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें बीएनएस की धारा 196, 223, 299 और 302 के तहत मनेंद्र प्रताप सिंह के अलावा राजकुमार सिंह, विनय तिवारी, अभिषेक सिंह और लगभग 20 अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। यह मुकदमा धार्मिक स्थलों पर शांति भंग करने और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोपों के तहत दर्ज किया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो बना जांच का आधार

इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें भगवा झंडा फहराने और नारेबाज़ी की तस्वीरें साफ दिखाई दीं। इसके चलते प्रशासन पर तत्काल कार्रवाई का दबाव बना और उसी के तहत पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हुई।

फिलहाल हालात नियंत्रण में, अन्य आरोपियों की तलाश जारी

पुलिस का कहना है कि फिलहाल क्षेत्र में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। साथ ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कानून के तहत सख्त सजा दिलाई जाएगी।