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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मची हुई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे असल में बीजेपी के प्रतिनिधि नहीं हैं, बल्कि चुनावी रणनीति के तहत बस एक चेहरा मात्र हैं।
अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस तरह से प्रदेश के हर कोने में जमीन पर बीजेपी का कब्जा बढ़ रहा है, उससे साफ हो गया है कि यह कोई साधारण प्रक्रिया नहीं बल्कि एक संगठित ‘जमीन अधिग्रहण तंत्र’ चल रहा है। यादव ने बताया कि गोरखपुर में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के खिलाफ बुलडोजर चलाना और पुलिस प्रशासन का भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा होना इस बात का प्रमाण है कि सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने गोरखपुर मेट्रो परियोजना का भी जिक्र किया और कहा कि मुख्यमंत्री ने झांसी के साथ गोरखपुर में मेट्रो बनाने की घोषणा की थी, लेकिन नौ साल बाद भी कोई काम नहीं हुआ। अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि अगर गोरखपुर की हकीकत सामने आएगी तो वहां ‘विरासत’ के बजाय ‘हिरासत’ का गलियारा बनाना पड़ेगा।
अयोध्या और प्रयागराज में भाजपा की हार के बाद अब मथुरा और गोरखपुर की बारी है
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा की जमीन अधिग्रहण नीति पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा नेताओं की जमीन की बात आती है तो उन्हें पूरा बाजार मूल्य मिलता है, लेकिन सामान्य जनता की जमीन कौड़ियों के भाव छिनी जा रही है। उन्होंने इस पूरे खेल को ‘भाजपा का लूट तंत्र’ बताया और दावा किया कि इस तंत्र में कुछ चुने हुए नेता अपनी जेबें भर रहे हैं, जबकि आम जनता ठगे जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या और प्रयागराज में भाजपा लोकसभा चुनाव हारी है, अब मथुरा और गोरखपुर का नंबर है, और प्रदेश की जनता भाजपा को इसका जवाब देगी।
सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनते ही गोरखपुर में विकास का नया रास्ता खोला जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि गोरखपुर में एक बड़ा कारखाना समाजवादी नेताओं की मेहनत से स्थापित हुआ था और भविष्य में भी विकास योजनाएं इसी पर जोर देंगी।
लखनऊ में तालाबों पर हो रहा कब्जा, सरकार को उठाना चाहिए कदम
अखिलेश यादव ने लखनऊ के जल संसाधनों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 2017 तक जो तालाब सेटेलाइट मैप में साफ दिखते थे, वे अब गायब हो चुके हैं। उन्होंने इसे ‘सत्ताधारियों द्वारा भूमि पर अवैध कब्जा’ करार दिया और कहा कि सटीक जानकारी के लिए तो उन्हें अमेरिका तक जाना पड़ेगा।
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