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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए 2-0 से क्लीन स्वीप कर लिया। इस जीत का श्रेय जाता है युवा कप्तान शुभमन गिल को, जिन्होंने अपनी कप्तानी की समझदारी और शांत दिमाग से हर फैसले को सही समय पर लिया। गिल अब सिर्फ एक उभरते हुए बल्लेबाज नहीं, बल्कि भविष्य के भरोसेमंद लीडर के रूप में सामने आए हैं।

फॉलोऑन का साहसी फैसला बना जीत की नींव

दिल्ली टेस्ट के दौरान गिल ने एक ऐसा निर्णय लिया जिसने मैच का रुख ही बदल दिया। भारत ने वेस्टइंडीज़ को फॉलोऑन पर भेजने का फैसला किया, जबकि टीम के पास 270 रनों की बढ़त थी। इस बारे में गिल का मानना है कि यदि टीम और बल्लेबाज़ी करती, तो आखिरी दिन विकेट निकालना मुश्किल हो सकता था। इसलिए उन्होंने फॉलोऑन देकर मैच को जल्दी खत्म करने की रणनीति अपनाई, जो पूरी तरह कारगर रही।

नीतीश रेड्डी को मिला भरोसा, टीम का भविष्य दिखा

इस सीरीज़ में युवा ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी को लगातार मौके दिए गए। दिल्ली टेस्ट में उन्होंने 43 रन की अहम पारी खेली, जबकि अहमदाबाद टेस्ट में गेंदबाज़ी का भी मौका मिला। गिल ने रेड्डी को लेकर कहा कि टीम का मकसद ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करना है जो विदेशों में भी दबाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। गिल का मानना है कि खिलाड़ियों को घरेलू परिस्थितियों में मैच अनुभव देना जरूरी है ताकि वे आत्मविश्वास के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल सकें।

“कप्तानी की आदत लग रही है” – गिल की सोच में परिपक्वता

कप्तानी को लेकर गिल का नजरिया साफ और परिपक्व दिखा। उन्होंने कहा कि अब वह इस भूमिका के साथ सहज होते जा रहे हैं। उनके अनुसार, कप्तानी का असली मतलब है – मैच की स्थिति के अनुसार सटीक निर्णय लेना और टीम को सही दिशा में ले जाना। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कभी-कभी जोखिम उठाना ज़रूरी हो जाता है, खासकर तब जब आपको यह समझ हो कि कौन-सा खिलाड़ी कब उपयोगी साबित हो सकता है।

बल्लेबाज़ी में भी गिल ने दिखाया दमखम

गिल का व्यक्तिगत प्रदर्शन भी इस सीरीज़ में सराहनीय रहा। उन्होंने 50, नाबाद 129 और 13 रनों की पारियां खेलकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। गिल का कहना है कि मैदान पर उतरने के बाद उनका एक ही मकसद होता है – टीम को जीत दिलाना। चाहे वो कप्तान हों या नहीं, उनका ध्यान हमेशा खेल पर और टीम की ज़रूरतों पर रहता है।

इंग्लैंड दौरे के अनुभव से गिल को मिली सीख

गिल को इससे पहले इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट टीम की कमान संभालने का मौका मिला था, जहां सीरीज़ 2-2 से बराबर रही थी। उस कठिन दौरे ने शायद गिल को बेहतर निर्णय लेने में मदद की, जिसका असर अब वेस्टइंडीज़ के खिलाफ देखने को मिला।