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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित श्री पद्मावती महिला विश्वविद्यालय (SPMVV) में छात्राओं के सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण पहल की गई है। यहाँ एक तीन दिवसीय 'जीवन कौशल' प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है, जिसका मकसद युवा छात्राओं को जीवन की हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करना है।
विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग और यूथ रेड क्रॉस (YRC) इकाई ने मिलकर इस अनूठी पहल को साकार किया है। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, कुलपति प्रो. जमुना दुव्वुरु ने जीवन कौशल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये कौशल सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि ऐसे औजार हैं जो छात्राओं को व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सफल होने में मदद करेंगे।
प्रो. जमुना ने बताया कि यह प्रशिक्षण छात्राओं को आत्म-जागरूकता, सही निर्णय लेने की क्षमता, समस्याओं का समाधान ढूंढना, रचनात्मक सोच विकसित करना, प्रभावी ढंग से संवाद करना, दूसरों के साथ बेहतर संबंध बनाना, समानुभूति रखना और तनाव व भावनाओं से निपटने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं में सशक्त करेगा। ये सभी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा परिभाषित 10 मुख्य जीवन कौशल हैं।
प्रो. उमा और मुख्य विशेषज्ञ (रिसोर्स पर्सन) डॉ. रामकृष्ण रेड्डी ने भी छात्राओं को इन कौशलों के महत्व और उन्हें अपने जीवन में कैसे लागू करें, इस पर मार्गदर्शन दिया। यह कार्यक्रम छात्राओं को सिर्फ डिग्री धारक नहीं, बल्कि ऐसे सशक्त और आत्मनिर्भर व्यक्ति बनने में मदद करेगा जो भविष्य की हर चुनौती का डटकर सामना कर सकें और एक सफल व खुशहाल जीवन जी सकें। यह पहल निश्चित रूप से उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
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