
Karnataka bans shampoos: कर्नाटक सरकार ने जलाशयों को साफ रखने और प्रदूषण रोकने के लिए एक हैरान करने वाला कदम उठाया है। कांग्रेस सरकार ने तीर्थस्थलों के आसपास साबुन, शैंपू और डिटर्जेंट के इस्तेमाल पर बैन लगाने का फैसला किया है। ये नियम नदियों, तालाबों और मंदिरों के कुंडों में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के मकसद से लागू किया गया है। तो वहीं कई लोग इसे तुगलकी और तानाशाही वाला फैसला बता रहे हैं।
पर्यावरण मंत्री ईश्वर खंड्रे ने अफसरों को निर्देश दिया है कि तीर्थस्थलों के 500 मीटर के दायरे में इन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि भक्तों को पुराने कपड़े नदियों में छोड़ने से रोका जाए। सरकार के अनुसार, भक्तों द्वारा उपयोग किए गए साबुन, शैंपू और डिटर्जेंट के अवशेष जलाशयों में घुल जाते हैं, जिससे जल की क्वालिटी खराब होती है और झाग की समस्या बढ़ जाती है।
अफसरों का कहना है कि तीर्थस्थलों के पास स्नान करने वाले श्रद्धालु अक्सर साबुन और शैंपू का उपयोग करते हैं, जिससे जलाशयों में फॉस्फेट और अन्य रासायनिक तत्वों की मात्रा बढ़ रही है। इससे जल निकायों में अल्गी (काई) की अधिकता और पानी में झाग बनने की समस्या उत्पन्न हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लोग अपने पर्सनल देखभाल प्रोडक्ट्स को वापस ले जाएं, तो जलाशयों पर इसका अच्छा असर पड़ेगा।