
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश सरकार ने महिला सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बना लिया है। राज्य की मंत्री शैलजा ने हाल ही में यह बात दोहराते हुए कहा कि सरकार महिलाओं को एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनका यह बयान राज्य में महिलाओं के कल्याण और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
शैलजा ने इस बात पर खास जोर दिया कि सरकार महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कई असाधारण कदम उठा रही है। इन कदमों में 'दिशा ऐप' और 'दिशा पुलिस थानों' की स्थापना प्रमुख है, जो महिलाओं को तत्काल सहायता और न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
'दिशा ऐप' महिलाओं को आपात स्थिति में पुलिस से तुरंत संपर्क करने में मदद करता है, जिससे उन्हें समय पर सुरक्षा मिल पाती है। वहीं, 'दिशा पुलिस थाने' विशेष रूप से महिला अपराधों से निपटने के लिए बनाए गए हैं, जहां त्वरित जांच और कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। हालांकि, 'दिशा अधिनियम' को लेकर कुछ कानूनी अड़चनें हैं, लेकिन सरकार का इरादा महिलाओं को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है।
मंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा सिर्फ कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे महिला सुरक्षा के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार का साथ दें। जागरूकता अभियान और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया ताकि महिलाओं के प्रति सम्मान का माहौल बनाया जा सके।
सरकार का मानना है कि महिलाओं को शिक्षा और अवसर प्रदान करके उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी उनकी सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है। जब महिलाएं सशक्त होंगी, तो वे खुद को बेहतर तरीके से सुरक्षित महसूस कर पाएंगी और अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकेंगी।
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