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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान में भवन निर्माण से जुड़ी सामग्री की कीमतों में जल्द ही बदलाव देखने को मिल सकता है। राज्य सरकार ने वर्षों बाद माइनर मिनरल्स यानी अप्रधान खनिजों की रॉयल्टी दरों में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे आम नागरिकों की जेब पर सीधा असर पड़ने की संभावना है। रेत-बजरी से लेकर मार्बल और ग्रेनाइट तक, लगभग सभी प्रमुख खनिजों की दरों में 10 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है।
चार साल बाद लिया गया फैसला
राज्य के खान विभाग द्वारा प्रस्तावित संशोधन को सरकार ने हाल ही में मंजूरी दी, जिसके बाद गुरुवार को इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई। गौरतलब है कि माइनर मिनरल की रॉयल्टी दरों में संशोधन का अधिकार हर तीन साल में ही दिया जाता है, लेकिन पिछली बार यह बदलाव वर्ष 2021 में किया गया था। इस बार की वृद्धि चार साल बाद आई है।
जनता पर बढ़ेगा भार
खनिज संसाधनों की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा, क्योंकि इन खनिजों का उपयोग मुख्य रूप से भवन निर्माण, सड़क परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे से जुड़ी गतिविधियों में होता है। ऐसे में न केवल मकान बनवाना महंगा होगा, बल्कि छोटे ठेकेदारों और निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों पर भी यह आर्थिक दबाव डालेगा।
किन-किन खनिजों की कीमतों में कितना हुआ इजाफा?
अधिसूचना में दी गई नई दरों के अनुसार, अब सैण्डस्टोन की रॉयल्टी 240 रुपये प्रति टन से बढ़कर 320 रुपये हो गई है। इसी प्रकार, लाइम स्टोन की दर 140 से बढ़कर 170 रुपये, जबकि लाइम स्टोन एंड लाइम की नई दर 175 रुपये तय की गई है, जो पहले 145 रुपये थी।
लाइम कंकर के लिए अब 32 रुपये के बजाय 40 रुपये देने होंगे। मार्बल, जो कि राजस्थान की पहचान बन चुका है, उसकी दर 500 से बढ़ाकर 550 रुपये की गई है। ग्रेनाइट की कीमत में भी मामूली बदलाव हुआ है—यह अब 300 रुपये हो गई है, जो पहले 290 थी।
मेसनरी स्टोन अब 55 रुपये प्रति टन मिलेगा, जबकि पहले यह 44 रुपये में उपलब्ध था। बजरी, जो निर्माण कार्यों में सबसे ज्यादा उपयोग होती है, उसकी रॉयल्टी दर 50 से बढ़ाकर 60 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, ब्रिक अर्थ की कीमत 32 से बढ़ाकर 40 रुपये की गई है, और स्लेट स्टोन अब 210 रुपये में मिलेगा, जो पहले 185 में मिलता था। ब्रिक्स अर्थ 200 रुपये और अगाटे 180 रुपये प्रति टन हो गई है।
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