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भारत त्योहारों का देश है, और हर त्योहार अपने साथ कोई न कोई गहरा संदेश लेकर आता है। देश की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने छठ महापर्व के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए एक बहुत ही खूबसूरत बात कही है, जो इस त्योहार के असली महत्व को दर्शाती है।

क्या कहा राष्ट्रपति ने: राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि छठ पूजा सिर्फ एक व्रत या पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में एकता और सहयोग (Unity and Cooperation) का सबसे बड़ा संदेश देता है। उन्होंने इस त्योहार की उन विशेषताओं पर प्रकाश डाला जो इसे सबसे अलग बनाती हैं:

प्रकृति के प्रति सम्मान: यह पर्व हमें सूर्य और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करना सिखाता है। लोग नदियों और तालाबों के किनारे इकट्ठा होकर उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जो यह दिखाता है कि हमारी संस्कृति में प्रकृति का स्थान कितना ऊंचा है।

सामाजिक एकता का प्रतीक: छठ पूजा में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। समाज के हर वर्ग के लोग एक साथ, एक ही घाट पर पूजा करते हैं। यह त्योहार जाति, धर्म और अमीरी-गरीबी के भेद को मिटाकर सबको एक सूत्र में पिरोता है।

स्वच्छता का संदेश: इस पर्व की तैयारी में साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जाता है। लोग न सिर्फ अपने घरों को, बल्कि पूजा घाटों और रास्तों को भी मिलकर साफ करते हैं, जो सामाजिक जिम्मेदारी और स्वच्छता का एक अनूठा उदाहरण है।

राष्ट्रपति का यह संदेश हमें याद दिलाता है कि छठ सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्सव है। यह हमें मिलकर रहना, एक-दूसरे का सहयोग करना और अपनी प्रकृति का सम्मान करना सिखाता है। यही इस महापर्व की असली आत्मा है।