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Up Kiran, Digital Desk: 20 अक्टूबर को पूरे देश में धूमधाम से दीवाली का त्योहार मनाया जाएगा। यह त्योहार खुशियों, प्रकाश और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। सनातन धर्म में दीवाली का खास स्थान है। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, तब लोगों ने घी के दीये जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था। इसी खुशी के लिए हर वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या को दीवाली मनाई जाती है।

दीवाली की तैयारी में सबसे महत्वपूर्ण काम होता है घर की साफ-सफाई और सजावट। घर को दीयों और रंग-बिरंगे झालरों से सजाना हर परिवार की प्राथमिकता होती है। इस दौरान घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाना एक पवित्र और शुभ कार्य माना जाता है। खासतौर पर तीन प्रकार के तोरण बहुत लोकप्रिय हैं, जिनके बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे।

पान के पत्तों का तोरण

पान के पत्ते से बने तोरण को दीवाली पर लगाना बेहद शुभ माना जाता है। इस परंपरा के अनुसार, पान के पत्ते घर में सुख-शांति और समृद्धि लाते हैं। जब मुख्य द्वार पर पान के पत्तों का तोरण टंगा जाता है, तो इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवता पान के पत्तों को अत्यंत पसंद करते हैं, इसलिए पूजा में भी इसका इस्तेमाल होता है।

अशोक के पत्तों का तोरण

अशोक के पत्तों से बना तोरण भी दीवाली के दिन लगाना शुभ माना जाता है। यह न केवल घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है बल्कि वातावरण को शुद्ध भी करता है। अशोक के पत्तों का तोरण लगाना घर को पवित्रता प्रदान करता है और साथ ही मुख्य द्वार की शोभा भी बढ़ाता है। इससे घर का माहौल और भी सकारात्मक बनता है।

आम के पत्तों का तोरण

आम के पत्ते दीवाली के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित तोरण माने जाते हैं। आम के पत्तों का उपयोग पूजा-पाठ में भी किया जाता है क्योंकि ये घर को शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं। आम के पत्तों का तोरण लगाने से घर में खुशहाली आती है। अगर इसके साथ गेंदे के फूल भी सजाए जाएं, तो यह सजावट और भी सुंदर लगती है। आम के पत्तों का तोरण हर घर में एक खास जगह रखता है।