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Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट की दुनिया में जब कोई दिग्गज खिलाड़ी या एक्सपर्ट किसी मौजूदा स्टार खिलाड़ी के बारे में कुछ कहता है, तो उस पर सबकी नज़र जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ है हमारे महान भारतीय स्पिनर और कोच रहे अनिल कुंबले के एक बयान पर।

हम सब जानते हैं कि अफगानिस्तान के स्पिन जादूगर राशिद खान दुनिया भर की टी20 लीग्स में कितने कामयाब रहे हैं। अपनी तेज़ गुगली और वैरिएशन्स से उन्होंने दुनिया के बड़े-बड़े बल्लेबाजों को खूब परेशान किया है। लेकिन अनिल कुंबले को लगता है कि पिछले कुछ समय से उनकी सबसे बड़ी ताकत, यानी विकेट निकालने की क्षमता, थोड़ी कम हुई है या कहें कि वो वैसी धार अब नहीं दिख रही।

कुंबले ने शायद राशिद के हालिया प्रदर्शन को देखकर यह बात कही है। उनका कहना है कि भले ही राशिद खान अभी भी रन कम देते हों (जिसे इकोनॉमी रेट कहते हैं), जो कि उनकी बॉलिंग का एक बहुत अच्छा पहलू है, लेकिन उनकी असली पहचान थी मुश्किल मौकों पर या बीच के ओवरों में आकर महत्वपूर्ण विकेट चटकाना। और कुंबले को लगता है कि यह चीज़ आजकल उनके खेल में थोड़ी कम नज़र आ रही है।

सोचिए, एक स्पिनर के लिए विकेट लेना कितना अहम होता है, खासकर टी20 जैसे फॉर्मेट में जहाँ एक विकेट मैच का रुख बदल सकता है। कुंबले, जो खुद अपने समय के दिग्गज विकेट लेने वाले स्पिनर थे, उनकी यह टिप्पणी वाकई मायने रखती है।

यह ज़रूरी नहीं कि राशिद खान खराब गेंदबाज़ी कर रहे हैं, लेकिन शायद वो पहले की तरह लगातार विकेट नहीं ले पा रहे। कुंबले के इस बयान से क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स के बीच एक नई बहस शुरू हो सकती है कि क्या वाकई राशिद खान की बॉलिंग में कुछ बदलाव आया है, या यह सिर्फ एक दौर है जिससे वो गुज़र रहे हैं। अब देखना यह है कि राशिद खान इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे अपनी 'विकेट लेने वाली धार' को फिर से हासिल कर पाते हैं।

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