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Up Kiran, Digital Desk: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज 2025-26 सीरीज़ का दूसरा टेस्ट मैच 4 दिसंबर से ब्रिस्बेन के वूलूंगबा क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा। इस रोमांचक मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक और बड़ा झटका लगा है। टीम के स्टार तेज़ गेंदबाज जोश हेजलवुड अब इस टेस्ट मैच में भी खेलते हुए नहीं नजर आएंगे।

हेजलवुड, जो पहले एशेज टेस्ट में हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण बाहर हो गए थे, अब ब्रिस्बेन टेस्ट में भी खेलने के लिए फिट नहीं हो पाएंगे। फिलहाल वह अपने रिहैब की प्रक्रिया में हैं और टीम से जुड़ने की उम्मीद है, लेकिन वह इस मैच में मैदान पर नहीं उतरेंगे।

ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच एंड्रयू मैकडॉनल्ड ने हेजलवुड की चोट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया, "वह रिहैब के पहले हफ्ते में काम कर रहे हैं और फिलहाल उनकी वापसी के लिए कोई नई अपडेट नहीं है। हालांकि, हमें उम्मीद है कि वह सीरीज़ के तीसरे टेस्ट में टीम का हिस्सा बन सकते हैं।"

मैकडॉनल्ड ने आगे कहा, "हम जानते हैं कि हेजलवुड सीरीज़ के दौरान किसी वक्त उपलब्ध होंगे, लेकिन यह अभी तय नहीं हुआ कि वह कब खेलेंगे। हम थोड़ा और रिहैब करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह सही समय पर फिट होंगे।"

पैट कमिंस की वापसी पर भी संदेह

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस, जो पहले टेस्ट मैच में पीठ के निचले हिस्से में चोट के कारण नहीं खेल पाए थे, अब दूसरे टेस्ट में वापसी की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, मैकडॉनल्ड ने यह भी कहा कि कमिंस की वापसी के लिए यह एक देर से लिया गया फैसला हो सकता है।

"कमिंस के रिहैब की प्रक्रिया में सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं। गेंदबाजी की तीव्रता और गति दोनों में सुधार हो रहा है, लेकिन अब हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वह ज्यादा तेज गेंदबाजी से खुद को नुकसान न पहुँचाएँ," मैकडॉनल्ड ने कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि टेस्ट मैच से पहले कमिंस की फिटनेस पर गहन चर्चा की जाएगी। "यह मामला हमारे लिए थोड़ा देर से आ रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि वह टेस्ट मैच से पहले पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे," मैकडॉनल्ड ने कहा।

हेजलवुड और कमिंस की कमी ऑस्ट्रेलिया के लिए चुनौती

ऑस्ट्रेलिया की टीम को अपने दो प्रमुख तेज़ गेंदबाजों की कमी का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ मुकाबला हो। हेजलवुड और कमिंस दोनों ही मैच जिताने की क्षमता रखते हैं, और उनकी अनुपस्थिति ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण को कमजोर कर सकती है।

हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के पास और भी कई शानदार गेंदबाज हैं, जैसे मिचेल स्टार्क और नाथन लियोन, जो इंग्लैंड के खिलाफ चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में असरदार साबित हो सकते हैं।

क्या ब्रिस्बेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की टीम होगी तैयार?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हेजलवुड और कमिंस की चोटों के बावजूद ऑस्ट्रेलिया की टीम किस रणनीति के साथ इंग्लैंड का सामना करती है। ब्रिस्बेन का विकेट हमेशा तेज़ और उछाल लेने वाला होता है, ऐसे में दोनों टीमों के लिए यह टेस्ट बहुत अहम होने वाला है।

ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी में बदलाव और इंग्लैंड के खिलाफ रणनीतिक फैसले, यह सब इस मैच को और भी दिलचस्प बना देंगे।