health tips: आयु बढ़ने के साथ जिस्मानी और दिमागी तबियत में कई बदलाव आते हैं, जैसे मेटाबॉलिज्म का धीमा होना, मांसपेशियों और हड्डियों का कमजोर होना, हार्मोनल चेंजेस, स्किन में बदलाव और मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट।
ये बदलाव अलग अलग बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। डॉ. अहमद हुसैन खान के मुताबिक, 40 वर्ष की आयु के बाद कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करवाने की सलाह दी जाती है, जैसे कि सीबीसी, एलएफटी, ब्लड प्रेशर, थायराइड, और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट। ये परीक्षण भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक।
40 के बाद बहुत से लोगों को बीपी समस्या होती हैं और कभी कभी यहीं मौत का कारण भी बन जाती है। इसलिए वर्ष में एक या दो बार बीपी की जांच करवाना आवश्यक है। हाई बीपी से स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इन जानलेवा रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि आप टाइम टू टाइम अपना बीपी चेक करवाएं। तीन से चार महीने में बीपी की निगरानी करना आवश्यक है।
ज्यादातर महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ बाल झड़ने, वेट बढ़ने और थकान जैसी शिकायतों का सामना करना पड़ता है। ये सभी लक्षण थायराइड के हो सकते हैं, इसलिए आवश्यक है कि आप वक्त रहते थायराइड जांच करवा लें। 40 का पड़ाव पार करने के बाद महिलाओं को साल में एक या दो बार ये जांच जरूर करवानी चाहिए।
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