
Up Kiran, Digital Desk: एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सोडा और फलों के रस जैसे मीठे पेय पदार्थों का नियमित सेवन टाइप 2 मधुमेह के खतरे को काफी बढ़ा सकता है। यह निष्कर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम जनता दोनों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि ये पेय दुनिया भर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं।
अध्ययन के परिणाम इन शुगर-युक्त ड्रिंक्स और डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बीच सीधा संबंध बताते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन पेय पदार्थों में मौजूद अतिरिक्त शुगर, विशेष रूप से फ्रुक्टोज, रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि करता है और समय के साथ इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) का कारण बन सकता है। यही इंसुलिन प्रतिरोध टाइप 2 मधुमेह के विकास में एक प्रमुख कारक है।
यह अध्ययन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। यह सुझाव देता है कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सोडा और फलों के रस का सेवन सीमित करना या पूरी तरह से बंद करना फायदेमंद हो सकता है। पानी, नींबू पानी या बिना चीनी वाली चाय जैसे स्वस्थ विकल्पों को चुनना डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
कुल मिलाकर, यह अध्ययन एक बार फिर से इस बात पर जोर देता है कि हमारे पेय पदार्थों का चयन हमारे स्वास्थ्य पर सीधा और महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
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