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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपको लगता है कि बड़े कारोबारियों को ग़लतियाँ करने की छूट मिल जाती है? तो आप ग़लत हैं! भारतीय शेयर बाज़ार के नियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उसके सामने सब बराबर हैं।

 एक पुराने लेकिन बेहद गंभीर मामले – 'गोल्डन टोबैको' घोटाला – में SEBI ने दिग्गज कारोबारी संजय डालमिया और उनके साथियों पर बड़ी कार्रवाई की है। उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है और उन्हें एक निश्चित समय के लिए शेयर बाज़ार से दूर रहने का आदेश भी दिया गया है।

क्या था 'गोल्डन टोबैको' घोटाला?

यह मामला काफी समय से चल रहा था और इसने बाज़ार में काफी सुर्खियाँ बटोरी थीं। आरोप था कि संजय डालमिया और कुछ अन्य व्यक्तियों ने 'गोल्डन टोबैको' कंपनी के शेयरों में धोखाधड़ी और हेरफेर किया था। ऐसा करके उन्होंने शेयर के भाव को प्रभावित किया और इसका फायदा उठाया। इस तरह की हरकतें छोटे निवेशकों के साथ धोखाधड़ी मानी जाती हैं, क्योंकि उन्हें गलत जानकारी या कृत्रिम भाव के आधार पर निवेश करने के लिए उकसाया जाता है।

SEBI ने इस मामले में गहन जांच की और आखिरकार अपने निष्कर्ष पर पहुँचते हुए कठोर कदम उठाने का फैसला किया।

क्या कार्रवाई की SEBI ने?

SEBI ने संजय डालमिया और अन्य दोषियों पर लाखों रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, एक और भी बड़ा फ़ैसला लिया गया है – उन्हें कुछ समय के लिए शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने से पूरी तरह से रोक दिया गया है। इसका मतलब है कि वे न तो शेयर ख़रीद पाएंगे और न ही बेच पाएंगे।

SEBI निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कितना गंभीर है। इसका साफ़ संदेश है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, बाज़ार में धोखाधड़ी करके बच नहीं सकता। यह फ़ैसला उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो अक्सर बाज़ार में होने वाली धांधली से चिंतित रहते हैं। इससे शेयर बाज़ार की ईमानदारी और विश्वसनीयता बढ़ती है, जो छोटे निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए बहुत ज़रूरी है।

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