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Up Kiran, Digital Desk: पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में जारी भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने भीषण तबाही मचाई है। इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण अब तक कम से कम 26 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और आशंका है कि यह संख्या और बढ़ सकती है। असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सहित पूरा क्षेत्र बारिश और इससे जुड़ी समस्याओं से बुरी तरह जूझ रहा है।

असम और मेघालय जैसे राज्य इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इन राज्यों के बड़े हिस्से बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। कई प्रमुख नदियाँ, जिनमें शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र भी शामिल है, अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे आसपास के इलाकों में स्थिति और गंभीर हो गई है।

लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। इन भूस्खलनों ने सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे कई क्षेत्रों का संपर्क बाकी दुनिया से कट गया है। यातायात बाधित होने से राहत और बचाव कार्यों में भी मुश्किलें आ रही हैं।

बाढ़ और भूस्खलन के कारण हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं। उनके घर पानी में डूब गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रभावित लोगों ने सुरक्षित स्थानों और बनाए गए राहत शिविरों में शरण ली है। जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।

प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही हैं। वे फंसे हुए लोगों को निकालने, भोजन और आवश्यक सामग्री वितरित करने और चिकित्सा सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने स्थिति का जायजा लिया है और प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। नुकसान का व्यापक आकलन किया जा रहा है ताकि राहत और पुनर्वास कार्य प्रभावी ढंग से किए जा सकें। यह आपदा पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।

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