
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी अनोखी विदेश नीति का परिचय देते हुए यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और NATO (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) को वित्तीय रूप से मजबूत करने का एक हैरान करने वाला 'फॉर्मूला' पेश किया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि नाटो देश चीन पर भारी टैरिफ लगाएं और रूस पर लगी आर्थिक पाबंदियों को खत्म कर दें।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, ट्रंप ने यह कहकर दुनिया भर के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह इस योजना को लागू करेंगे।
क्या है ट्रंप का पूरा प्लान?
ट्रंप का प्लान दो हिस्सों में बंटा है, जिसका मकसद एक ही तीर से दो निशाने लगाना है - यूक्रेन में शांति और NATO की मजबूती।
चीन पर नकेल: ट्रंप ने कहा कि वह नाटो के सभी 32 सदस्य देशों पर जोर देंगे कि वे चीन से आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाएं। उनका मानना है कि इस टैरिफ से जो पैसा आएगा, उसे यूक्रेन की मदद और नाटो को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर कोई नाटो देश ऐसा नहीं करता है, तो अमेरिका खुद उस देश पर 100% या 200% तक टैरिफ लगा सकता है।
रूस को राहत: इसके साथ ही, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन में शांति लाने के बदले रूस पर लगे तमाम प्रतिबंधों को खत्म करने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रतिबंधों के बोझ तले दबे हुए हैं और इस पेशकश को स्वीकार कर लेंगे।
क्या है इस योजना का मकसद?
ट्रंप का मानना है कि यह योजना चीन को उसके आक्रामक रवैये के लिए सजा देगी, रूस को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर करेगी, और यूक्रेन युद्ध के वित्तीय बोझ को अमेरिका से हटाकर दूसरे देशों पर डाल देगी। उन्होंने दावा किया कि इस कदम से न केवल युद्ध रुकेगा, बल्कि इससे NATO भी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और अमीर हो जाएगा।
ट्रंप की यह घोषणा उनके "अमेरिका फर्स्ट" दृष्टिकोण को दर्शाती है, जहां वह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का बोझ दूसरे देशों के साथ बांटने पर जोर देते हैं। हालांकि, उनके आलोचकों का कहना है कि यह योजना वैश्विक व्यापार प्रणाली को खराब कर सकती है और इससे रूस को ही फायदा होगा।