
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक में जन सामान्य को बड़ी राहत मिली है। राज्य के उच्च न्यायालय ने जन औषधि केंद्रों को बंद करने के सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले का विपक्ष के नेता ने गर्मजोशी से स्वागत किया है, जिससे सस्ती दवाओं की उपलब्धता को लेकर बनी अनिश्चितता समाप्त हो गई है।
जन औषधि केंद्र प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत स्थापित किए गए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य आम जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों को बंद करने के सरकार के पिछले निर्णय से लाखों गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों पर सीधा असर पड़ने की आशंका थी, जो अपनी दवाइयों के लिए इन केंद्रों पर निर्भर करते हैं।
उच्च न्यायालय का यह अंतरिम स्थगन एक कानूनी चुनौती के बाद आया है, जिसमें जन औषधि केंद्रों के महत्व और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला गया था। विपक्ष के नेता ने इस फैसले को 'जनता की जीत' बताया है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि अदालतें आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं और सरकार को जनता के स्वास्थ्य संबंधी मामलों में संवेदनशील होना चाहिए।
इस फैसले से फिलहाल जन औषधि केंद्रों का संचालन जारी रहेगा, जिससे मरीजों को सस्ती दवाएं मिलती रहेंगी। यह कदम सस्ती स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करने और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण विजय है।
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