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Up Kiran, Digital Desk: भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान से पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी तनावपूर्ण माहौल के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आज शाम एक बड़ी मॉक ड्रिल का गवाह बनेगी। इस दौरान शहर के कई इलाकों में ब्लैकआउट भी किया जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को परखा जा सके।

दिल्ली के 11 जिलों में 55 स्थानों पर अभ्यास

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के सभी 11 जिलों में 5-5 चिन्हित स्थानों पर यह मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस प्रकार, दिल्ली में कुल 55 जगहों पर ब्लैकआउट करने की योजना है। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि ब्लैकआउट के दौरान आपातकालीन सेवाएं जैसे अस्पताल, फायर ब्रिगेड आदि प्रभावित न हों, और यह अभ्यास बहुत बड़े पैमाने पर न किया जाए ताकि आम जनजीवन पर न्यूनतम असर पड़े।

मॉक ड्रिल का क्रम इस प्रकार रहेगा

पहला सायरन (सतर्कता): सबसे पहले, उदाहरण के तौर पर खान मार्केट इलाके में, एयर स्ट्राइक जैसी आपात स्थिति का संकेत देते हुए एक सायरन बजेगा। यह लोगों को तुरंत सतर्क करने के लिए होगा।

शेल्टर लेना: सायरन बजते ही सभी को सुरक्षित स्थानों पर आसरा लेना होगा। लोग दुकानों के अंदर या जो भी सुरक्षित जगह मिले, वहां छिपेंगे।

विशेष शेल्टर: कुछ लोगों को तुरंत खान मार्केट मेट्रो स्टेशन के बेसमेंट में ले जाया जाएगा, जहां वे सुरक्षित रहेंगे, जबकि अन्य लोग आसपास की दुकानों में शरण लेंगे।

दूसरा सायरन (बचाव कार्य शुरू): इसके बाद एक लंबा सायरन बजेगा। इसका मतलब होगा कि अब बचाव और राहत कार्य (रेस्क्यू ऑपरेशन) शुरू कर दिया गया है।

घायलों की मदद: दूसरे सायरन के बजते ही सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक, पुलिसकर्मी और सुरक्षा गार्ड घटनास्थल पर मौजूद فرضی (mock) घायलों को उठाकर पास के फर्स्ट एड केंद्र तक पहुंचाएंगे।

घायलों के लिए ग्रीन कॉरिडोर, कई एजेंसियां शामिल

अभ्यास के दौरान, गंभीर रूप से घायल लोगों को तेजी से अस्पताल पहुंचाने के लिए पुलिस द्वारा ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। उन्हें तुरंत राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल या नजदीकी चिन्हित अस्पताल ले जाया जाएगा।

इस व्यापक मॉक ड्रिल में दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बलों के अलावा सिविल डिफेंस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), दिल्ली फायर सर्विस, एम्बुलेंस सेवाएं और जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। इसका उद्देश्य सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को बेहतर बनाना और किसी भी आपदा या हमले की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।

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