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Up kiran,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और रेप के मामले में सजा काट रहे गायत्री प्रजापति पर जेल अस्पताल में हुए हमले को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, जिसमें किसी भी तरह की राजनीतिक साजिश या षड्यंत्र की बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला कोई सोची-समझी योजना का हिस्सा नहीं था, बल्कि मौके पर हुई एक मामूली कहासुनी का नतीजा था।

क्या कहती है जांच रिपोर्ट?

लखनऊ जेल के डीआईजी डॉ. रामधनी ने इस पूरे मामले की जांच की। उन्होंने जेल जाकर आरोपी कैदी विश्वास, घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर, फार्मासिस्ट और मौके पर मौजूद दूसरे कैदियों और जेलकर्मियों के बयान दर्ज किए। जेल अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया।

जांच में सामने आया कि 30 सितंबर की शाम करीब 6 बजे, जब जेल अस्पताल में दवा बांटी जा रही थी, तब आरोपी कैदी विश्वास और गायत्री प्रजापति के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मंत्री ने कैदी को कुछ अपशब्द कह दिए, जिससे वह भड़क गया। गुस्से में आकर विश्वास ने पास में रखी एक अलमारी की लोहे की पटरी उठाई और गायत्री प्रजापति के सिर पर हमला कर दिया।

अब आगे क्या होगा?

घटना के तुरंत बाद गायत्री को सिर में दर्द की शिकायत पर सावधानी के तौर पर ट्रॉमा सेंटर भेजा गया था। जेल प्रशासन ने आरोपी कैदी के खिलाफ गोसाईंगंज थाने में FIR भी दर्ज करा दी थी और अब पुलिस भी इस मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है।

जांच रिपोर्ट में इस घटना को "पूर्व-नियोजित नहीं, बल्कि एक आकस्मिक घटना" बताया गया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर अब जेल मुख्यालय ने भी इस मामले की जांच को बंद करने का फैसला लिया है।

अखिलेश यादव ने उठाए थे सवाल

गौरतलब है कि इस हमले के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए थे। वहीं, पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी इसकी निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की थी। इन्हीं सवालों और मांगों के बाद शासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। लेकिन अब जांच रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि यह हमला किसी साजिश का हिस्सा नहीं था।