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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली की एक विशेष एनआईए (NIA) अदालत ने पाकिस्तान में बैठे हिज्बुल मुजाहिदीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन (मोहम्मद युसूफ शाह) को 2011 के एक आतंकी वित्तपोषण (terror funding) मामले में 'घोषित अपराधी' करार दिया है। यह फैसला भारत में आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

सलाहुद्दीन, जिसके बारे में माना जाता है कि वह फिलहाल पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है, पर भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने (funding) का आरोप है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में गहन जाँच की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

एनआईए लगातार उन आतंकी वित्तपोषण नेटवर्कों की जाँच कर रही है जो पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित होने वाले विभिन्न आतंकी संगठनों को मदद पहुँचाते हैं। 'घोषित अपराधी' का दर्जा मिलने के बाद अब कानूनी रूप से उसकी संपत्तियों को कुर्क करने और अन्य कठोर कार्रवाई करने का रास्ता साफ हो गया है।

सैयद सलाहुद्दीन, जिसे मोहम्मद युसूफ शाह के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का मुखिया है। वह विभिन्न आतंकवादी समूहों के एक छतरी संगठन, यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का भी प्रमुख है।

यह फैसला उन लोगों को स्पष्ट संदेश देता है जो सीमा पार से भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय कानून ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शेगा नहीं, भले ही वे कहीं भी छिपे हों।

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