img

Punjab News: पंजाब में वरिष्ठ मंत्री को जो विभाग दिया गया था, वह अस्तित्व में ही नहीं था। सबसे आश्चर्य की बात ये है कि सरकार को इस बात का पता 20 महीने बाद चला। जिसके बाद इस विभाग को समाप्त कर दिया गया है। सरकार ने अपनी अधिसूचना में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि प्रशासनिक सुधार विभाग अस्तित्व में नहीं है।

मिली खबर के मुताबिक, प्रशासनिक सुधार विभाग कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के पास था, जिसके चलते उनसे विभाग वापस लेने के आदेश जारी किए गए हैं। इस संबंध में निर्णय राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही लिया गया है। अब कुलदीप सिंह धालीवाल केवल एनआरआई मामलों के मंत्री होंगे।

'कोई स्टाफ नहीं, कोई बैठक नहीं हुई'

धालीवाल के पास शुरू में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी था, लेकिन मई 2023 में कैबिनेट फेरबदल के दौरान उनसे यह प्रभार छीन लिया गया। उस समय उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग भी आवंटित किया गया था। सितंबर 2024 के कैबिनेट फेरबदल में भी यह विभाग उनके पास रहेगा। हालांकि सरकारी सूत्रों के अनुसार मंत्री कुलदीप धालीवाल को प्रशासनिक सुधार विभाग के लिए न तो कोई स्टाफ आवंटित किया गया और न ही इस विभाग की कोई बैठक हुई।

23 सितंबर को हुआ था मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल

पंजाब सरकार ने 23 सितंबर को मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया और पांच विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया। धालीवाल से अब तक कुल तीन विभाग वापस लिये जा चुके हैं। इससे पहले उनसे ग्रामीण विकास एवं पंचायत तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी वापस ले लिए गए थे। मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रशासनिक सुधार विभाग अब अस्तित्व में नहीं है।

खैर अब यह मामला विपक्ष के निशाने पर भी आ गया है। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि माझा से आम आदमी पार्टी के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल पिछले 20 महीनों से एक ऐसे विभाग के मंत्री हैं जो वास्तव में पंजाब सरकार का विभाग नहीं है।