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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाल ही में एक अहम मामला सामने आया है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिजली चोरी के आरोप में मिली बड़ी राहत दी है। इस फैसले के बाद सांसद ने बिजली महकमे पर सख्त सवाल उठाए हैं और कहा है कि सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि संभल के ज्यादातर लोगों को बिजली महकमे की तरफ से मानसिक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बिजली चोरी के आरोप और कोर्ट का फैसला

दरअसल, बिजली महकमे ने सांसद पर बिजली चोरी का आरोप लगाया था और उन पर 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। मगर शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में तत्काल रोक लगा दी है। कोर्ट ने सांसद के घर का बिजली कनेक्शन बहाल करने का आदेश भी दिया है। हालांकि, कोर्ट ने अपील की सुनवाई के लिए सांसद को 6 लाख रुपये जमा करने का निर्देश भी दिया है, जिससे मामला आगे न्यायिक प्रक्रिया के तहत चलेगा।

बिजली अधिकारियों पर सांसद का तंज

सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बिजली महकमे के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, “जो अधिकारी मेरे ऊपर बिजली चोरी का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें पहले अपने काम की समीक्षा करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि वे किसके दबाव में काम कर रहे हैं, मगर उनके व्यवहार से बहुत दुख हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा कि ये केवल उनका मामला नहीं है, बल्कि पूरे संभल क्षेत्र के लोगों को बिजली महकमे की ओर से परेशान किया जा रहा है। “हम लोग मानसिक और कानूनी रूप से दबाव में हैं। पिछले छह महीने से मेरे घर में बिजली नहीं है, जिससे मेरी जिंदगी प्रभावित हुई है।”

सांसद की न्याय पर भरोसा और उम्मीद

इस पूरे मामले में सांसद ने अपनी उम्मीदों को ज़ाहिर किया और कहा कि वे पूरी तरह से न्याय में विश्वास रखते हैं। “मैं हमेशा अपने काम को ईमानदारी से करता हूं। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मैं कोर्ट पर भरोसा करता हूं कि मुझे न्याय मिलेगा। अल्लाह का रहम है कि मुझे आशा की एक किरण दिखाई दी है।”

सांसद ने यह भी माना कि यह मामला लंबी कानूनी लड़ाई बन सकता है, मगर वे दृढ़ता से इसके अंत में न्याय मिलने की उम्मीद रखते हैं।

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