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uttarakhand news: पच्चीस सालों की यात्रा में उत्तराखंड ने अपने छोटे आकार के बावजूद कई बड़े प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए एक नई पहचान बनाई है। तेजी से उभरते राज्यों में उत्तराखंड का स्थान अब शीर्ष पांच में है। सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में उत्तराखंड नीति आयोग के सूचकांक में पहले स्थान पर आया है, जो पूरे राज्य के नागरिकों के लिए गर्व की बात है।

ये जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक मीडिया संस्थान को दी, जहां उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट पहचान बनाने वाले 26 उद्यमियों और शिक्षाविदों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुख्य सेवा सदन में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर इन लोगों की उपलब्धियों को सराहा।

सीएम ने प्रदेश के विकास में योगदान देने वाले क्षेत्रों की तारीफ करते हुए बताया कि उत्तराखंड ने जीएसटी कलेक्शन, राजस्व, स्टांप ड्यूटी, पर्यटन और आबकारी जैसे क्षेत्रों में आय में वृद्धि की है। उन्होंने खनन क्षेत्र के लिए नई नीति का जिक्र किया, जिसके तहत पहले छह महीनों में 400 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ है, और यह आंकड़ा साल के अंत तक 1200 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार और उद्यमियों का संकल्प है कि राज्य के किसी भी युवा को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। ई-समिट में किए गए 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

मुख्यमंत्री ने देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और धर्मांतरण कानून, दंगा रोधी कानून, समान नागरिक संहिता आदि के निर्माण की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि नकल विरोधी कानून पूरे देश के लिए एक मॉडल बन रहा है। प्रदेश के विकास के लिए सभी हितधारकों के सुझावों के आधार पर एक सशक्त भू कानून बनाया जाएगा, जो जमीन की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।

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