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भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मुकाबला ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में खेला जाना है, जो कि दोनों टीमों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। इस मुकाबले में जहां एक ओर शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और अन्य युवा खिलाड़ी 'शुभमन ब्रिगेड' के रूप में मैदान में उतरेंगे, वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया को लॉर्ड्स के पुराने रिकॉर्ड को भी ध्यान में रखना होगा।

अगर लॉर्ड्स में भारत के टेस्ट रिकॉर्ड की बात करें तो आंकड़े टीम इंडिया के पक्ष में ज्यादा नहीं हैं। भारत ने अब तक लॉर्ड्स में 19 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से उसे सिर्फ 2 बार जीत मिली है, जबकि 12 मुकाबले इंग्लैंड ने जीते हैं, और बाकी 5 ड्रॉ रहे हैं।

भारत को लॉर्ड्स में पहली ऐतिहासिक जीत 1986 में कपिल देव की कप्तानी में मिली थी। इसके बाद दूसरी जीत 2014 में एमएस धोनी की कप्तानी में दर्ज हुई थी। 2021 में विराट कोहली की अगुवाई में भी भारत ने शानदार प्रदर्शन किया था, हालांकि मैच का नतीजा पक्ष में नहीं आया था।

इस बार टीम में कई युवा खिलाड़ी हैं जो पहली बार लॉर्ड्स में खेलेंगे। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान जैसे युवा बल्लेबाजों के लिए यह मुकाबला आत्मविश्वास और धैर्य की असली परीक्षा होगा। गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर जिम्मेदारी होगी कि वे इंग्लिश बल्लेबाजों को जल्दी आउट करें।

लॉर्ड्स की पिच आमतौर पर तेज गेंदबाजों को मदद देती है, खासकर शुरुआती दो दिन। ऐसे में टॉस अहम भूमिका निभा सकता है। मौसम विभाग ने हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे खेल में बाधा आ सकती है।

कुल मिलाकर, भारत के लिए यह मुकाबला सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि इतिहास बदलने का मौका है।

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