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हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज करने के लिए सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का की यात्रा करते हैं। हज इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक है और यह हर उस मुसलमान पर फर्ज है जो आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हो। भारत से भी हर साल हज़ारों लोग हज की इस पवित्र यात्रा पर जाते हैं, मगर सवाल ये है कि इस सफर पर एक हज यात्री को कितना खर्च आता है?

इस साल 2025 में भारत से लगभग एक लाख पांच हजार लोग हज यात्रा पर जाएंगे। हज यात्रा की शुरुआत 29 अप्रैल से फ्लाइट्स के माध्यम से होगी, जिसे भारत सरकार के हज कमिटी ऑफ इंडिया (HCI) द्वारा संचालित किया जाएगा।

हज यात्रा की प्रक्रिया और समय

हज इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने जिलहज में अदा किया जाता है। यह यात्रा लगभग 40-45 दिनों की होती है, जिसमें यात्री मक्का, मदीना और मिना जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं और खास तौर पर अराफात के मैदान में रुकना (वुक़ूफ़े अराफात) हज का मुख्य अंग होता है। हज यात्रा पर एक मुस्लिम को सरकारी कोटे के  बाद 3.5 लाख रुपए से पांच लाख रुपए तक का खर्च करना पड़ता है।

बता दें कि प्रति वर्ष सऊदी अरब सरकार की ओर से हर देश के लिए एक कोटा निर्धारित किया जाता है। ये कोटा देश की मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर तय होता है। भारत को मिलने वाला कोटा आमतौर पर 1.75 लाख से ज्यादा लोगों का होता है।