
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना सरकार द्वारा कल्याणकारी छात्रावासों (welfare hostels) में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए कॉर्पोरेट कंपनियों को टेंडर देने के निर्णय के बाद, जिले के गुरुकुल स्कूलों को आवश्यक किराने का सामान (grocery items) की आपूर्ति करने वाले स्थानीय ठेकेदारों ने सप्लाई रोक दी है। इस फैसले से सैकड़ों छोटे ठेकेदारों और उनसे जुड़े किसानों व मजदूरों के परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट मंडराने लगा है।
11 साल से चल रही सप्लाई, अब कॉर्पोरेट को तरजीह
पिछले 11 वर्षों से, सैकड़ों परिवार गुरुकुल स्कूलों को स्थानीय किसानों के माध्यम से सब्जियां, फल, चिकन, मटन और अंडे की आपूर्ति करके अपना जीवन यापन कर रहे थे। करीमनगर संयुक्त जिले में कल्याणकारी छात्रावासों के खुलने के बाद से लगभग 15 ठेकेदार लगातार इन वस्तुओं की आपूर्ति करते आ रहे थे। वे बिना किसी सरकारी दबाव या समय पर बिलों का भुगतान न होने की समस्या के, बच्चों को आवश्यक खाद्य सामग्री समय पर पहुंचाते रहे हैं।
टेंडर प्रक्रिया में बदलाव से ठेकेदार नाराज
ठेकेदारों का आरोप है कि अब 'साजिश' के तहत उन्हें नजरअंदाज कर कॉर्पोरेट कंपनियों को टेंडर देने की तैयारी की जा रही है। उनका कहना है कि इससे कई सब्जी किसान, सप्लाई वर्कर और ठेकेदार बेरोजगार हो जाएंगे। ठेकेदारों ने चिंता व्यक्त की है कि सरकार ने नई नीति लाने के प्रयास में टेंडर प्रक्रिया में बदलाव किए हैं, और वर्षों से काम कर रहे इन ठेकेदारों के लिए लाखों रुपये की EMD (Earnest Money Deposit) जमा करना असंभव हो गया है।
राज्यव्यापी चिंता और विरोध:इस मुद्दे पर पूरे राज्य में चिंता व्यक्त की जा रही है। स्थानीय ठेकेदारों का कहना है कि वे सरकार पर कोई दबाव डाले बिना, समय पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे थे। अब इस बदलाव से न केवल उनकी आजीविका प्रभावित होगी, बल्कि छात्रावासों में बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ सकते हैं।
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