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Rajasthan borewell: कोटपुतली में 23 दिसंबर को एक बुरी घटना घटी जब कीरतपुरा गांव में एक तीन साल की बच्ची बोरवेल में गिर गई। व्यापक बचाव अभियान के बावजूद बच्ची को बिना किसी लक्षण के बाहर निकाला जा सका। प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर चैतन्य रावत ने बताया कि तीन डॉक्टरों की एक टीम ने बच्ची की जांच की और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में भेज दिया गया है।

कई दिनों तक चले इस बचाव अभियान में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें शामिल थीं। लगभग 150 फीट गहरे बोरवेल ने बचावकर्मियों के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दीं। स्थानीय निवासियों और अधिकारियों ने प्रयासों में सहयोग किया, मगर दुर्भाग्य से बच्चे को बचाया नहीं जा सका।

राज्य में शायद सबसे लंबे बचाव अभियानों में से एक, ये 160 घंटे से ज़्यादा समय तक चला, जिसके लिए परिवार के सदस्यों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर प्रशासन ने दावा किया है कि ये सबसे कठिन अभियानों में से एक है।

बता दें कि  कोटपूतली-बहरोड़ जिले के सरुंड थाना क्षेत्र के बडियाली ढाणी में पिता के खेत में खेलते वक्त चेतना बोरवेल में गिर गई थी। शुरुआत में बच्ची को एक अंगूठी की मदद से बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश की गई, मगर सभी कोशिशें नाकाम रहीं। दो दिन तक लगातार कोशिशों के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तो बुधवार सुबह मौके पर एक पाइलिंग लाई गई और समानांतर गड्ढा खोदा गया। कई दिनों तक ऑपरेशन चला और बाहर भी निकाला गया लेकिन बच्ची की मौत हो गई इलाज के दौरान।

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