_467969957.png)
Up Kiran, Digital Desk: बरेली में "आई लव मुहम्मद" विवाद के बीच एक नया विवाद सामने आया, जब कांग्रेस नेता इमरान मसूद और दानिश अली को बुधवार को हिंसा प्रभावित बरेली के दौरे से पहले नज़रबंद कर दिया गया। अमरोहा से बरेली जाने की योजना बना रहे पूर्व कांग्रेस सांसद दानिश अली को यात्रा से पहले ही बरेली के रास्ते पर रोक लिया गया। वहीं, इमरान मसूद, जो इस समय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं, शुक्रवार को बरेली में हालात का जायजा लेने के लिए निर्धारित दौरे से पहले नज़रबंद हो गए।
बरेली में हिंसा का कारण क्या था?
शुक्रवार को बरेली में नमाज़ के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, जब मौलवी तौकीर रज़ा खान के आह्वान पर 1,000 से अधिक लोग इस्लामिया ग्राउंड के पास धार्मिक बैनर लहराते हुए नारे लगाने लगे। यह विरोध प्रदर्शन तब और बढ़ गया जब कानपुर में "आई लव मुहम्मद" संदेश वाले पोस्टरों को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई। विरोध के बाद हिंसा भड़की, जिसमें पथराव, वाहनों में तोड़फोड़, और हवा में गोलीबारी की घटनाएं सामने आई। पुलिस को स्थिति काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा, जिससे शहर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इस हिंसा में कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
कांग्रेस नेताओं की नज़रबंदी, क्या हैं इसके पीछे के कारण?
इमरान मसूद और दानिश अली का बरेली दौरा पहले से निर्धारित था, जिसमें वे स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात करने वाले थे। उनका उद्देश्य बरेली की हिंसा और उसके बाद के हालात का जायज़ा लेना था। लेकिन सुरक्षा कारणों और कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने उन्हें सहारनपुर से बाहर जाने से रोक दिया और नज़रबंद कर दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त कार्रवाई: 50 गिरफ्तारियां, इंटरनेट सेवा बंद
उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा के बाद सख्त कार्रवाई की है। बरेली में अब तक 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मौलाना तौकीर रज़ा खान भी शामिल हैं। पुलिस ने हिंसा और दंगों के आरोप में 180 नामजद और 2,500 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 मामले दर्ज किए हैं। इस बीच, सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है ताकि और कोई अप्रिय घटना न हो।