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Up Kiran, Digital Desk: हरियाणा पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार की रहस्यमयी मौत ने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित उनके सरकारी आवास के बेसमेंट में गोली लगने से उनका शव मिला। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है, लेकिन उनकी पत्नी का दावा कुछ और ही कहता है।

पत्नी अमनीत का आरोप: "ये आत्महत्या नहीं, सोची-समझी साजिश है!"

अमनीत पी कुमार, जो खुद एक वरिष्ठ नौकरशाह हैं, ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और SC/ST एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उनके मुताबिक, पूरन कुमार को लंबे समय से मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी, जो सीनियर अधिकारियों द्वारा "सुनियोजित उत्पीड़न" का नतीजा था।

सुसाइड नोट में दर्ज है जातीय भेदभाव और मानसिक पीड़ा

सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार का आठ पन्नों का टाइप और हस्ताक्षरित सुसाइड नोट सामने आया है। इसमें उन्होंने जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, और पब्लिक इंसल्ट जैसी घटनाओं का जिक्र किया है, जो उन्हें पिछले पांच सालों से झेलनी पड़ीं।

उनका यह भी कहना था कि उन्हें बार-बार टारगेट किया गया क्योंकि वो अपने अधिकारों और पुलिस सुधारों के मुद्दे खुलकर उठाते थे।

झूठे केस की साजिश? पत्नी का बड़ा दावा

अमनीत ने दावा किया कि उनके पति को एक बनावटी घोटाले में फंसाया गया। मामला एक शराब ठेकेदार से जुड़ा है, जिसमें कहा गया कि एक हेड कांस्टेबल ने पूरन कुमार के नाम पर रिश्वत मांगी। बाद में वह हेड कांस्टेबल गिरफ्तार भी हुआ, लेकिन अमनीत का कहना है कि उनके पति के खिलाफ फर्जी सबूत तैयार किए जा रहे थे।

उन्होंने यह भी बताया कि कुमार ने सीनियर अधिकारियों से मदद मांगी थी, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया और कोई कार्रवाई नहीं हुई।