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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय नौसेना मंगलवार, 26 अगस्त को दो अत्याधुनिक 'नीलगिरि-क्लास' स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स - INS उदयगिरी और INS हिमगिरी - को एक साथ नौसेना में शामिल करने जा रही है। यह कदम भारत की समुद्री शक्ति (maritime prowess) को एक बड़ी मजबूती देगा।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये दोनों स्वदेशी युद्धपोत 'प्रोजेक्ट 17A' के तहत बनाए गए हैं और इनका निर्माण मुंबई की मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने किया है।

INS उदयगिरी: 100वां स्वदेशी डिज़ाइन, रिकॉर्ड समय में निर्माण!

डिज़ाइन और निर्माण: INS उदयगिरी, प्रोजेक्ट 17A सीरीज का दूसरा जहाज है, जिसे MDL ने बनाया है। यह नौसेना के वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया 100वां जहाज है।

नामकरण: इसका नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरी पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह इस नाम का दूसरा नौसैनिक जहाज है, पहला 1976 से 2007 तक सेवा में था।

रिकॉर्ड समय: उदयगिरी का निर्माण दिसंबर 2017 में शुरू हुआ, मई 2022 में लॉन्च किया गया और जुलाई 2025 में नौसेना को सौंपा गया। यह मात्र 37 महीनों का रिकॉर्ड पूरा होने का समय है।

खासियतें: यह फ्रिगेट लगभग 6,700 टन का है और इसमें उन्नत स्टील्थ डिज़ाइन है, जो रडार, इन्फ्रारेड और ध्वनिक (acoustic) सिग्नेचर को कम करता है। यह CODOG (Combined Diesel or Gas) प्रोपल्शन सिस्टम से चलता है। इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलें, बराक 8 सरफेस-टू-एयर मिसाइलें, 76 मिमी की मुख्य गन, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और उन्नत एंटी-सबमरीन वॉरफेयर हथियार शामिल हैं।

'मेक इन इंडिया' का प्रतीक: इसमें लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इसके निर्माण में 200 से ज़्यादा MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) शामिल थे, जिससे लगभग 4,000 प्रत्यक्ष और 10,000 अप्रत्यक्ष रोज़गार पैदा हुए।

INS हिमगिरी: GRSE का पहला प्रोजेक्ट 17A जहाज, 75% स्वदेशी सामग्री!

डिज़ाइन और निर्माण: INS हिमगिरी का निर्माण GRSE, कोलकाता ने किया है। यह प्रोजेक्ट 17A जहाजों में GRSE द्वारा बनाया गया पहला जहाज है और मूल INS हिमगिरी की विरासत को आगे बढ़ाता है, जो 1974 से 2005 तक नौसेना में सेवा दे चुका था।

डिलीवरी: इस नए फ्रिगेट को दिसंबर 2020 में लॉन्च किया गया था और जुलाई 2025 में नौसेना को सौंपा गया, जिसमें लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।

खासियतें: लगभग 6,670 टन विस्थापन और 149 मीटर की लंबाई के साथ, INS हिमगिरी में रडार और इन्फ्रारेड सिग्नेचर को कम करने के लिए उन्नत स्टील्थ फीचर्स हैं। इसका CODOG प्रोपल्शन सिस्टम 28 नॉट्स से अधिक की गति और लंबी दूरी की नीली-जल (blue-water) संचालन क्षमता प्रदान करता है।

हथियार और क्षमताएं: उदयगिरी की तरह, यह भी ब्रह्मोस मिसाइलों, बराक 8 एयर डिफेंस सिस्टम, क्लोज-इन वेपन सिस्टम, एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर, टॉरपीडो ट्यूब और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस है। इसमें MH-60 रोमियो, ALH ध्रुव Mk-III, और सी किंग हेलीकॉप्टर संचालित करने में सक्षम फ्लाइट डेक और हैंगर भी है।

स्टील्थ फ्रिगेट क्या होता है?
एक स्टील्थ फ्रिगेट एक आधुनिक युद्धपोत है जो दुश्मन के सेंसर, जैसे रडार, इन्फ्रारेड और ध्वनिक सिस्टम की दृष्टि से अपनी दृश्यता (visibility) को कम करने के लिए उन्नत स्टील्थ तकनीक के साथ बनाया गया है। इसके डिजाइन में विशेष आकार के हल (hulls), कम-अवलोकन सामग्री (low-observable materials) और रडार क्रॉस-सेक्शन, गर्मी के हस्ताक्षर (heat signatures) और शोर के स्तर को कम करने के लिए सख्त उत्सर्जन नियंत्रण शामिल हैं। ये विशेषताएं जहाज को युद्ध में पता लगाने, ट्रैक करने और लक्षित करने में काफी कठिन बनाती हैं।

नौसेना के लिए बड़ी मजबूती:
इन दो नए जहाजों के शामिल होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की नौसैनिक क्षमताओं को एक बड़ा लाभ मिलेगा। दोनों पोत बहु-भूमिका (multi-role) संचालन के लिए डिजाइन किए गए हैं - जिसमें एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और एंटी-सबमरीन युद्ध शामिल हैं - और यह पारंपरिक और गैर-पारंपरिक समुद्री खतरों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

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