Up Kiran, Digital Desk: सपनों का शहर, भारत की सिलिकॉन वैली बेंगलुरु की ये पहचान अब एक खतरनाक सच्चाई के साये में है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा 2023 रिपोर्ट ने एक बेहद चिंताजनक तस्वीर पेश की है, जिसके मुताबिक बेंगलुरु हादसों और आत्महत्या से होने वाली मौतों के मामले में देश के टॉप शहरों में शामिल हो गया है।
यह रिपोर्ट दिखाती है कि तेज रफ्तार जिंदगी और बढ़ते शहरी दबाव के बीच यह खूबसूरत शहर अपने नागरिकों के लिए कितना असुरक्षित होता जा रहा है।
हादसों का शहर बनता बेंगलुरु: NCRB के आंकड़ों के अनुसार, अकस्मात यानी हादसों में होने वाली मौतों के मामले में बेंगलुरु अब देश में मुंबई और पुणे के बाद तीसरे स्थान पर है।
2023 में बेंगलुरु में 4,414 लोगों ने हादसों में अपनी जान गंवाई।
मुंबई (8,974 मौतें) इस लिस्ट में पहले और पुणे (5,054 मौतें) दूसरे नंबर पर है।
चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि बेंगलुरु में हुए इन हादसों में से लगभग 97.3% मौतें सिर्फ और सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) की वजह से हुई हैं।
यह आंकड़ा शहर की सड़कों पर बेलगाम दौड़ते ट्रैफिक और सुरक्षा की कमी की ओर एक गंभीर इशारा करता है। इन मौतों में सड़क हादसों के अलावा करंट लगने और अन्य दुर्घटनाएं भी शामिल हैं।
आत्महत्या के मामले में भी स्थिति भयावह
सिर्फ हादसे ही नहीं, बेंगलुरु में आत्महत्या के मामले भी खतरनाक रूप से बढ़े हैं। NCRB रिपोर्ट के मुताबिक,
बेंगलुरु अब देश में सबसे ज्यादा आत्महत्याओं के मामले में दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर है।
साल 2023 में शहर में 2,370 लोगों ने अपनी जान ले ली, जो 2022 (2,313 मामले) की तुलना में 2.5% ज्यादा है।
इस लिस्ट में दिल्ली (3,131 मामले) पहले नंबर पर है, जबकि चेन्नई (1,529) और मुंबई (1,415) इसके बाद आते हैं।
यह आंकड़ा और भी चौंकाने वाला है कि देश के 53 प्रमुख शहरों में हुई कुल आत्महत्याओं में से लगभग 32% अकेले इन्हीं चार महानगरों - बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई और मुंबई - में हुई हैं। यह बड़े शहरों में बढ़ते मानसिक तनाव, अकेलेपन और जिंदगी की चुनौतियों की एक गंभीर तस्वीर पेश करता है। यह रिपोर्ट एक चेतावनी है कि बेंगलुरु जैसे तेजी से बढ़ते शहरों को अपने नागरिकों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।

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