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Up Kiran, Digital Desk: 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को एक नए खतरे की ओर धकेल दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए।

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक संबंधों में कटौती, जल संधि निलंबन और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे फैसले लिए। वहीं, पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। मगर सबसे खतरनाक प्रतिक्रिया आई पाकिस्तान के मंत्रियों से परमाणु युद्ध की खुली धमकी।

परमाणु युद्ध: सिर्फ दो देशों का नहीं, पूरी दुनिया का संकट

भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं। ऐसे में अगर तनाव युद्ध में बदलता है, तो इसके प्रभाव सिर्फ दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं रहेंगे।

2019 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है, तो एक अरब से ज्यादा लोग मारे जा सकते हैं। दोनों देशों के पास मिलाकर करीब 300 परमाणु हथियार हैं। इस विनाशकारी युद्ध से न केवल शहर तबाह होंगे, बल्कि पूरी मानवता पर गहरा संकट छा सकता है।

छोटे हिमयुग का खतरा!

परमाणु युद्ध का असर सिर्फ जानमाल के नुकसान तक सीमित नहीं रहेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलते हुए शहरों से उठने वाला धुआं वायुमंडल में फैल जाएगा और सूरज की रोशनी को धरती तक पहुँचने से रोक देगा। इससे धरती का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा। अंधेरा और ठंड पूरी दुनिया में फैल सकती है।

प्रोफेसर ब्रायन टून जलवायु वैज्ञानिक कहते हैं कि यह युद्ध सिर्फ भारत और पाकिस्तान के लिए नहीं, पूरी दुनिया के लिए आपदा साबित हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के नेताओं को भी यह समझने की जरूरत है कि युद्ध से कोई भी पक्ष जीत नहीं सकता। संवाद और समझौता ही एकमात्र रास्ता है।

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