Up Kiran, Digital Desk: आजकल हर घर में किडनी की तकलीफ हाई बीपी और हड्डियों का दर्द सुनने को मिलता है। डॉक्टर एक ही बात दोहराते हैं – नमक कम करो! लेकिन हम हैं कि चटपटा खाने के चक्कर में प्लेट में नमक की चुटकी बढ़ाते जाते हैं। असल में हमारी थाली का ये छोटा सा सफेद दाना किडनी से लेकर दिल और दिमाग तक को खोखला कर रहा है। चलिए आज आपको बताते हैं कि ज्यादा नमक खाने से शरीर में क्या-क्या बवाल मचता है और इसे कैसे काबू में रखें।
किडनी पर पड़ता है सबसे पहला और भारी वार
शरीर में सोडियम बढ़ा नहीं कि किडनी को ओवरटाइम करना पड़ता है। ज्यादा देर तक ऐसा चला तो किडनी थक जाती है और एक दिन काम करना बंद कर देती है। जो लोग पहले से किडनी की बीमारी झेल रहे हैं उनके लिए तो ज्यादा नमक जहर से कम नहीं।
बीपी का मीटर ऊपर चढ़ जाता है
नमक जितना ज्यादा उतनी ही नसें सिकुड़ती हैं। नसें सिकुड़ीं तो खून का दबाव बढ़ा। हाई ब्लड प्रेशर बना तो दिल का दौरा और ब्रेन स्ट्रोक बस एक कदम दूर रह जाते हैं।
हड्डियाँ होती जाती हैं खोखली
सोडियम बढ़ने से शरीर यूरिन के जरिए कैल्शियम भी बाहर फेंकने लगता है। कैल्शियम कम हुआ तो हड्डियाँ कमजोर। जरा सी ठोकर लगी और फ्रैक्चर तैयार। उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोपोरोसिस का डर और बढ़ जाता है।
दिल और दिमाग भी नहीं बचते
अनियमित धड़कन, हार्ट अटैक का खतरा, स्ट्रोक और यहाँ तक कि डिमेंशिया तक – ज्यादा नमक इन सबको न्योता देता है। शरीर में पानी जमा होने से पैरों हाथों और चेहरे पर सूजन अलग से परेशान करती है।
एक दिन में कितना नमक खाना सही है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है – सिर्फ 5 ग्राम यानी एक चम्मच से थोड़ा कम। लेकिन हम भारतीय तो चुपके-चुपके १०-१२ ग्राम रोज़ ठूंस लेते हैं। अचार, पापड़, चाट, नमकीन, सॉस – सबमें छुपा होता है नमक का पहाड़।
- चिप्स नमकीन की जगह मूंगफली या भुना चना खाओ
- पैकेट वाला जूस और सूप छोड़कर घर का शोरबा पियो
- खाने में नींबू, पुदीना, भुना जीरा, काली मिर्च डालकर स्वाद दोगुना करो
- खाना बनाते वक्त पहले आधा नमक डालो और परोसते वक्त टेस्ट करके बाकी डालो
- दिन में ८-१० गिलास पानी पियो ताकि अतिरिक्त सोडियम बाहर निकल जाए
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