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बांग्लादेश वायुसेना का एक और लड़ाकू विमान F-7 BGI हाल ही में हादसे का शिकार हो गया, जिससे चीन निर्मित फाइटर जेट्स की विश्वसनीयता पर फिर सवाल उठने लगे हैं। यह घटना 20 वर्षों में 11वें हादसे की सूची में जुड़ गई है, जिनमें से 7 हादसे चीनी विमानों से संबंधित हैं।
30 सालों में बांग्लादेश ने कुल 27 सैन्य विमान हादसे झेले हैं। इनमें से एक बड़ा हिस्सा F-7, K-8W और अन्य चीनी लड़ाकू विमानों का है। ये आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि तकनीकी खामियां, रख-रखाव में मुश्किलें और संचालन में चुनौतियां बांग्लादेश एयरफोर्स के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
F-7 BGI, जो कि चीन के पुराने MiG-21 डिज़ाइन पर आधारित है, बांग्लादेश में 2006 से इस्तेमाल में है। इसके क्रैश ने न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि प्रशिक्षित पायलटों की जान भी खतरे में डाली है।
बांग्लादेश ने चीन से अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से कई समझौते किए हैं। लेकिन बार-बार हो रहे इन हादसों ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सस्ती तकनीक और कूटनीतिक समीकरणों के कारण बांग्लादेश ने अपने सैन्य ढांचे की गुणवत्ता से समझौता कर लिया है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अब समय आ गया है कि बांग्लादेश अपनी सैन्य नीतियों पर पुनर्विचार करे और सुरक्षा व गुणवत्ता को सर्वोपरि रखते हुए रक्षा साझेदार चुनें।
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