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लखनऊ के जनता दर्शन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष एक छोटी सी बच्ची, वाची, अपनी मासूमियत भरे अनुरोध लेकर पहुंची। उसने भावुक होकर कहा, “सर, मेरा एडमिशन करा दीजिए।” यह विनती कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों का दिल छू गई।

वाची की यह सीधी अपील सुनकर सीएम योगी ने तुरंत अधिकारियों को इसकी व्यवस्था करने का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने वाची को स्नेह भरा आश्वासन दिया और स्कूल एडमिशन कराने की बात कही। इस संकल्पित प्रतिक्रिया को देखकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो उठे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चियों को आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

यह घटना मुख्यमंत्री की जन‑संवेदनशीलता का आदर्श उदाहरण बनी। वह बच्चों की बातों को छोटा नहीं समझते, बल्कि उन्हें गंभीरता से लेते हैं। जनता दर्शन जैसे कार्यक्रमों का यही उद्देश्य है– आम नागरिकों, विशेषकर बच्चियों की समस्याओं को सुना जाए और तत्काल समाधान के लिए कदम उठाए जाएं। सीएम का यह व्यवहार न सिर्फ बच्चों, बल्कि अभिभावकों और समाज में सकारात्मक संदेश लेकर आया।

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो ने साफ़ दर्शा दिया कि सँवेदनशील नेतृत्व किस तरह से छोटे‑छोटे बदलाव ला सकता है। आम जनता का विश्वास बढ़ता है जब जानती है कि उनकी सुनवाई होगी और उनकी बातों को उचित महत्व मिलेगा।

इस पूरी घटना से हमें यह सीख मिलती है कि शासन‑व्यवस्था और आम जनता, दोनों के बीच संवाद कितना महत्वपूर्ण होता है। मुख्यमंत्री ने एक सच्चे नेता की तरह शांत भाव से बच्ची की बात सुनी, अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए और नागरिकता के अधिकारों का सम्मान किया। इस तरह की घटनाएं न सिर्फ जनभागीदारी को मजबूत करती हैं, बल्कि प्रशासन को भी जवाबदेह बनाती हैं।

प्रस्तावित शीर्षक: “सीएम योगी के सामने छोटी बच्ची की मासूम गुहार: ‘मेरा एडमिशन करा दीजिए’”

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